हालांकि ओम जाप हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे एक यूनिवर्सल फ्रीक्वेंसी माना जाता है। कई डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों के अनुसार, ओम का उच्चारण हमारे शरीर और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर श्वेता अड़ातिया द्वारा किए गए एक प्रयोग में यह देखा गया कि ओम के जाप से हार्ट रेट वैरिएबिलिटी (HRV) में सुधार आता है, जिससे तनाव कम होता है और दिल की सेहत बेहतर होती है।
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ओम जाप और हार्ट रेट पर प्रभाव
डॉ. श्वेता ने अपने प्रयोग में पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग करके अपनी हार्ट रेट नोट की, जो कि 83 थी। ओम के उच्चारण के बाद यह धीरे-धीरे कम होकर 69 तक आ गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि ओम का जाप शरीर को शांत और मन को रिलैक्स करने में सहायक हो सकता है।
ओम के दो प्रकार के उच्चारण और उनका प्रभाव
ऊर्जा बढ़ाने के लिए: यदि आप सुबह अपने दिमाग को सक्रिय और ऊर्जावान बनाना चाहते हैं, तो ओम के “ओ” को अधिक देर तक खींचकर उच्चारण करें।
रिलैक्स होने के लिए: यदि आप सोने से पहले अपने मन को शांत और तनावमुक्त करना चाहते हैं, तो “म” को अधिक देर तक खींचकर उच्चारण करें।
दिल की सेहत के लिए ओम जाप क्यों जरूरी?
तनाव कम करता है, जिससे दिल पर कम दबाव पड़ता है।
हार्ट रेट को नियंत्रित करता है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है।
मस्तिष्क को शांत करता है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में लाभ मिलता है।
कैसे करें ओम जाप?
सुबह जागने के बाद ओम का उच्चारण करें, जिसमें “ओ” को लंबा खींचें।
सोने से पहले “म” के उच्चारण को अधिक समय तक खींचें, ताकि मन शांत हो सके।
रोजाना 5-10 मिनट तक ओम जाप करने की आदत डालें।
स्वस्थ दिल के लिए प्राकृतिक उपाय
ओम जाप के साथ-साथ नियमित वॉक, हेल्दी डाइट और मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यदि हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। ओम जाप तनाव कम करने और दिल को दुरुस्त रखने का एक सुरक्षित और प्राकृतिक तरीका है।