18वीं लोकसभा के पहले सत्र के तीसरे दिन लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हो गया है. भाजपा सांसद और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार ओम बिरला को 18वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया है। बता दें कि इंडिया गठजोड़ ने एनडीए के ओम बिड़ला के खिलाफ कांग्रेस सांसद के सुरेश को मैदान में उतारा था. यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह पहली बार है कि भाजपा का एक ही व्यक्ति लगातार दूसरी बार अध्यक्ष चुना गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा. केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई और प्रस्ताव सबके सामने रखा. उन्होंने ध्वनि मत के आधार पर ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के लिए आमंत्रित किया.
इस बीच खास बात यह रही कि पीएम मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी आम बिरला को सीट तक ले जाने आए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ओम बिरला को बधाई दी है. पीएम मोदी ने कहा कि आपने 18वीं लोकसभा में दूसरी बार अध्यक्ष का पद संभाला है, हम अपने आप में एक नया कीर्तिमान बनते देख रहे हैं. श्री बलराम जाखड़जी पहले अध्यक्ष थे जिन्हें 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा अध्यक्ष बनने का अवसर मिला। उनके बाद आप हैं, जिन्हें 5 साल पूरे करने के बाद दोबारा इस पद पर रहने का मौका मिला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अध्यक्ष जी, ये सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस सीट पर आसीन हैं. मैं आपको और पूरे सदन को बधाई देता हूं। ओम बिरला की कार्यशैली युवा सांसदों को प्रेरित करेगी. हमें विश्वास है कि आप अगले पांच वर्षों तक हमारा मार्गदर्शन करेंगे और सत्र को सुचारू रूप से चलाने में हमारी मदद करेंगे।
ओम बिड़ला सबसे सक्रिय सांसदों में से एक रहे और अध्यक्ष के रूप में कड़े फैसले लेने के लिए भी जाने जाते थे। राजस्थान के कोटा से तीन बार सांसद रहे ओम बिड़ला राजस्थान में तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। सांसद के रूप में अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने 86 प्रतिशत उपस्थिति के साथ 671 प्रश्नों और 163 बहसों में भाग लिया। 2019 में दूसरी बार सांसद बनने के बाद उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया.
नए संसद भवन का निर्माण बिड़ला के कार्यकाल में हुआ था। तीन आपराधिक कानून, अनुच्छेद 370 हटाना, नागरिकता संशोधन कानून समेत कई ऐतिहासिक कानून भी पारित किये गये। उन्होंने 100 लोकसभा सांसदों के निलंबन और संसद की सुरक्षा को लेकर कुछ कड़े फैसले लिए.