ओला इलेक्ट्रिक ने बुधवार को घोषणा की कि उसने कंपनी की लागत कम करने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई पहल को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
कंपनी ने नवंबर 2024 में ‘नेटवर्क कायांतरण और लागत कटौती कार्यक्रम’ शुरू किया था, जिसे अब पूरी तरह से लागू कर दिया गया है।
हालांकि, इस खबर के बावजूद ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में मामूली गिरावट देखी गई, और वे 50.78 रुपये पर बंद हुए।
कंपनी की पहल से कितना हुआ लाभ?
ओला इलेक्ट्रिक के अनुसार, इस पहल ने कंपनी की लागत में प्रति माह 90 करोड़ रुपये की स्थायी कटौती की है।
- इसका पूरा वित्तीय प्रभाव अप्रैल 2025 से नजर आने लगेगा।
- कंपनी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही तक वह ‘न नफा, न नुकसान’ वाली स्थिति (EBITDA ब्रेक-ईवन) हासिल कर लेगी।
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कंपनी के नेटवर्क सुधार में क्या हुआ बदलाव?
ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी लागत बचत योजना के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- गोदामों और ढुलाई वाहनों को बंद करना – अब स्टोर तक कलपुर्जे सीधे फैक्ट्री से भेजे जा रहे हैं, जिससे लागत में भारी कटौती हुई है।
- पंजीकरण और अन्य प्रक्रियाओं का स्वचालन – इससे प्रशासनिक खर्च कम हुआ और ग्राहक अनुभव बेहतर हुआ।
- सेल्स और सर्विस नेटवर्क की उत्पादकता में सुधार – अब बिक्री और सेवा दोनों क्षेत्रों में तेजी से काम हो रहा है।
- वाहनों की डिलीवरी का समय घटाया गया – पहले जहां डिलीवरी में 12 दिन लगते थे, अब सिर्फ 3-4 दिन में ग्राहक को वाहन मिल रहा है।
- स्टॉक मैनेजमेंट में सुधार – औसत वाहन स्टॉक 35 दिनों से घटकर अब केवल 20 दिन का रह गया है।
ओला इलेक्ट्रिक का भविष्य कैसा होगा?
- अप्रैल 2025 से कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति में सुधार दिखेगा।
- कंपनी अगले वित्त वर्ष में प्रॉफिटेबल बनने की ओर बढ़ रही है।
- तेजी से डिलीवरी और लागत में कटौती से ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिलेगा।