हिसार, 29 जून (हि.स.)। शिवधाम योजना के तहत जिला प्रशासन गांवों के श्मशान घाटों की स्थिति सुधारने के लाख दावे करता हो, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। निकटवर्ती गांव तलवंडी राणा के श्मशान घाट पर जिला प्रशासन के चहेते कुछ सरकारी कर्मचारियों एवं एक दर्जन से अधिक प्रभावशाली लोगों का कब्जा है जिसके चलते करीब नौ वर्ष से इसकी चारदीवारी का निर्माण अधर में लटका हुआ है।
बड़ी बात यह है कि कागजों में यहां पर बहुत कुछ हो चुका है। यहां पर पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति है। इसके लिए स्पेशल चार ईंच की पाइप लाइन बिछी है, तीन जगहों पर पेयजल व हाथ धोने के लिए पानी के विशेष टैंकों का निर्माण किया गया है, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां जमीन स्तर पर चारदीवारी का निर्माण अधर में लटका हुआ है। सुविधाओं के नाम पर जहां कुछ भी नहीं है। मामले में ग्रामीणों की दर्जनों शिकायत के बावजूद भी चादर तान कर सोने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। इस मामले में करीब दो दर्जन से अधिक ग्रामीण जुलाई के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उनके चण्डीगढ़ स्थित आवास पर मिलेंगे, जिनमें मुख्य रुप से केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़, डा. ईश्वर सेन, सरपंच दयाल सिंह मोलिया, सारदूल वर्मा, ब्लॉक समिति सदस्य सूबेदार गंगाराम, पंच सतबीर, हवा सिंह पूनियां, रमेश, रामनिवास गुरी, चिमन खटाणा, डा. राजकुमार बावता, पंच कर्मवीर सेन, पंच बलवंत खटाणा का नाम शामिल हैं।
जिला प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मामले में मई 2023 से अब तक अकेले उपायुक्त कार्यालय को छह बार ज्ञापन/शिकायत व रिमांडर भेजे जा चुके हैं। इसके बावजदू भी मामले में कार्यवाही एक ईंच तक नहीं बढ़ पाई है। गांव तलवंडी राणा के 16 पंचों एवं दूसरे जन-प्रतिनिधियों ने गांव की श्मशान भूमि की चारदीवारी को पूर्ण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उपायुक्त हिसार सहित करीब एक दर्जन मंत्रियों से गुहार लगा चुके हैं।