नई दिल्ली: अगर आप थाईलैंड घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको अपनी जेब थोड़ी और ढीली करनी पड़ सकती है. दरअसल, थाईलैंड सरकार फिर से पर्यटन कर लगाने की तैयारी कर रही है. यह कर थाईलैंड आने वाले दुनियाभर के पर्यटकों को चुकाना होगा. इस कर का मकसद सरकार को अपना राजस्व और बुनियादी ढांचा बढ़ाना है. थाईलैंड के पर्यटन मंत्री सोरावोंग थिएनथोंग ने इस कर को फिर से लागू करने की घोषणा की है. इसके तहत पर्यटकों से 300 बहत (करीब 756 रुपये) लिए जाएंगे. सरकार का लक्ष्य इस साल इसे कम से कम 3 ट्रिलियन बहत तक पहुंचाना है.
वर्ष 2022 में मिली थी स्वीकृति
प्रधानमंत्री श्रीथा थाविसिन के नेतृत्व वाले प्रशासन के तहत इस कर को पहले ही बंद कर दिया गया था। बैंकॉक पोस्ट की एक रिपोर्ट में मंत्री सोरावोंग के हवाले से कहा गया है कि पर्यटन शुल्क से पर्यटन उद्योग को लाभ होता है। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि राजस्व का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे और विकास के साथ-साथ पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है। साल 2022 में कैबिनेट ने इस कर को मंजूरी दी थी, लेकिन रॉयल गजट में प्रकाशित न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।
किन पर्यटकों को यह कर देना होगा?
प्रस्तावित योजना के तहत हवाई मार्ग से आने वाले विदेशी पर्यटकों को 300 बहत चुकाना होगा। वहीं, समुद्री और सड़क मार्ग से आने वालों से 150 बहत का शुल्क लिया जाएगा। हालांकि, इस कर से कई लोगों को बाहर रखा गया है। दो साल से कम उम्र के बच्चे के लिए कोई कर नहीं देना होगा। साथ ही, ट्रांजिट यात्रियों, राजनयिक पासपोर्ट धारकों और वर्क परमिट वाले लोगों से यह कर नहीं लिया जाएगा।
यह कब शुरू होगा?
यह टैक्स कब लगाया जाएगा, इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। रॉयल गजट में इसे प्रकाशित करने के बाद ही इसे शुरू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सिस्टम की तैयारी का आकलन करने के लिए और समय की जरूरत है। लेकिन इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। टैक्स के अलावा मंत्रालय उन सफल पर्यटन कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है जो कोरोना के कारण बंद हो गए थे।
अन्य देश भी लगाते हैं ऐसा कर
दुनियाभर के कई देश पर्यटन कर लगाते हैं। इनमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, भूटान आदि शामिल हैं। कई शहरों में भी यह टैक्स देना पड़ता है। इनमें एडिनबर्ग, बार्सिलोना, पेरिस आदि शामिल हैं। यह टैक्स कई बार इस बात पर भी निर्भर करता है कि यहां आने वाला पर्यटक कितने दिन यहां रुकेगा। यानी दिन के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है। इसके अलावा आप जिस होटल में रुकेंगे वह जितना आलीशान होगा, आपको उतना ही ज्यादा टैक्स देना होगा।