वारंट ऑनलाइन: न्यायिक प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक और प्रभावी बनाने के लिए पूरे भारत में नियमों और कानूनों में आमूल-चूल बदलाव किए जा रहे हैं। गुजरात, यूपी समेत राज्यों में भी तैयारियां हो रही हैं, अब न्यायिक प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की कोशिश की जा रही है.
गुजरात के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में एक नया नियम लागू किया गया है. इस नियम के तहत अब समन और वारंट व्हाट्सएप, ई-मेल और टेक्स्ट मैसेज जैसे ऑनलाइन माध्यमों से भेजे जाएंगे और वैध भी माने जाएंगे।
इस नई पहल के साथ, मध्य प्रदेश ऑनलाइन समन और वारंट को मान्यता देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस संबंध में गृह विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने नए कानून के लिए ये नियम डेढ़ महीने में तैयार किए हैं, जिसके मुताबिक अब सीधे कोर्ट से समन और वारंट जारी हो सकेंगे. यदि मेल वापस नहीं किया जाता है तो ई-मेल के माध्यम से भेजा गया समन और वारंट वैध माना जाएगा। इसका मतलब है कि यदि ई-मेल भेजा गया है तो समन या वारंट जारी किया हुआ माना जाएगा।
एक अपवाद भी मिलेगा:
हालाँकि, यह नया नियम उन लोगों पर लागू नहीं होगा जो ई-मेल, फ़ोन नंबर या मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग नहीं करते हैं। ऐसे मामलों में पारंपरिक तरीका अपनाया जाएगा और संबंधित थाने के स्टाफ द्वारा ही समन या वारंट भेजा जाएगा.
गृह विभाग ने इस नये नियम को लागू करने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस कदम से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है और इसे डिजिटल युग में न्याय प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस नए नियम के लागू होने से न्यायिक प्रक्रियाओं में समय और संसाधनों की बचत होगी, साथ ही अदालती आदेश अधिक कुशलता से वितरित होंगे।