अब हिन्दू मुस्लिम के सहारे हैं नरेन्द्र मोदी : कांग्रेस

लखनऊ, 06 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयकों गरिमा दसौनी एवं चित्रा बाथम ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा की राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव प्रचार की शुरुआत से ही अपने न्याय पत्र की बात कर रहे हैं। महंगाई और बेरोजगारी की न सिर्फ कांग्रेस के नेता बात कर रहे हैं बल्कि अपने मेनिफेस्टो के जरिए समाधान भी देने का काम कर रहे हैं।

मीडिया समन्वयकों ने कहा है कि पार्टी के घोषणा पत्र से हारे, नरेन्द्र मोदी अब हिन्दू मुस्लिम के सहारे हैं। जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी सिर्फ हिंदू, मुसलमान की बात करके वोट पाना चाहती है।

प्रवक्ताओं ने कहा कि वाराणसी में यह आम चर्चा का विषय बना हुआ है कि नरेन्द्र मोदी वाराणसी में हार की संभावनाओं के चलते स्वयं के लिए कोई और सीट की तलाश कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी बताए क्या मोदी के लिए कोई और सीट तलाशी जा रही है?

भाजपा को हराइये, महंगाई और बेरोजगारी पर विजय पाइये

मीडिया समन्वयकों ने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि वह इंडिया गठबंधन के पक्ष में मतदान करें, क्योंकि इंडिया गठबंधन ने वादा किया है कि शिक्षित युवा को पहली नौकरी पक्की, उद्योगों की तरक्की, किसानों को समर्थन मूल्य का कानून, गरीब परिवार की महिला को एक लाख, जातीय जनगणना का वादा, मनरेगा की मजदूरी 400 करने का पक्का वादा किया है। जबकि दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के लोग लगातार मुद्दों से ध्यान भटकाने का और गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी पर पर्दा डालने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन में बदलाव के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र को श्रेय जाता है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में जिस तरह से पांच न्याय-युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय, हिस्सेदारी न्याय और पच्चीस गारंटियों की बात की गई है उसने जन-जन के मन में जगह बनाने का काम किया है।

रायबरेली से राहुल गांधी के नामांकन के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह

राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से नामांकन के बाद उत्तर प्रदेश और देश की राजनीति में एक बड़ा असर देखने को मिला है। जनता का रुझान इंडिया गठबंधन के पक्ष में व्यापक स्तर पर बढ़ते हुए दिख रहा है। कांग्रेस के मीडिया समन्वयकों ने कहा कि पिछले दो चरणों के चुनाव के बाद से भारतीय जनता पार्टी के पैरों से राजनीतिक जमीन पहले ही खिसकती हुई दिखाई पड़ रही थी।