दूरसंचार विभाग द्वारा 5G सेवाओं की नए तरीके से खोज की जा रही है। दूरसंचार विभाग अब आपात स्थिति में नागरिकों को मोबाइल टावरों की जगह गुब्बारों और ड्रोन से इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है।
हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉट अब किसी भी तरह की आपात स्थिति या मोबाइल टावर के काम न करने पर यूजर्स को गुब्बारे या ड्रोन की मदद से मोबाइल नेटवर्क मुहैया कराएगा। उल्लेखनीय है कि डॉट ने इसके लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की भी तैयारी की है।
यह सुविधा कब उपलब्ध होगी?
अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, नेटवर्क मुहैया कराने के इस नए तरीके का इस्तेमाल दूरसंचार विभाग किसी भी प्राकृतिक आपदा या अन्य आपातकालीन स्थिति के दौरान कर सकता है। किसी क्षेत्र में बाढ़, तूफान आने की स्थिति में दूरसंचार सेवाएं बहाल करने में काफी समय लग जाता है और लोगों से संपर्क टूट जाता है। नए मोबाइल टावर लगाने में भी समय लगता है। ऐसी स्थिति में नागरिकों को सुविधा प्रदान करने और उनसे संवाद करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा इस नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
इस नई तकनीक का उपयोग करके 5G नेटवर्क को ड्रोन और गुब्बारों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे एजेंसियां आपातकालीन या बंद के दौरान लोगों तक पहुंच सकेंगी, ताकि वे स्थिति को जान सकें और जल्दी से मदद प्रदान कर सकें। साथ ही यह तकनीक आपदा में फंसे लोगों को ढूंढने और बचाने में भी मददगार साबित होगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार विभाग जल्द ही इस तरह की सेवा का ट्रायल शुरू कर सकता है। टेलीकॉम कंपनियां ड्रोन और गुब्बारों के जरिए 5जी नेटवर्क ट्रांसमीटर का परीक्षण करेंगी, ताकि आपात स्थिति में इन्हें वैकल्पिक संचार प्रणाली के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
बता दें कि दूरसंचार विभाग द्वारा इसका ट्रायल अगले साल यानी जून 2025 तक पूरा किए जाने की संभावना है। यानी जून 2025 के बाद इस सुविधा का सामान्य रूप से उपयोग होने की संभावना है.