राजस्थान में नवंबर ने तोड़ा रिकॉर्ड ,बर्फीली हवाओं से कांपा पूरा प्रदेश, 5 डिग्री तक लुढ़का पारा
News India Live, Digital Desk: राजस्थान में इस बार नवंबर का महीना पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ रहा है। दिवाली के बाद से ही मौसम ने ऐसी करवट ली है कि पूरा प्रदेश बर्फीली हवाओं की चपेट में आ गया है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर अब सीधे तौर पर मैदानी इलाकों में दिखने लगा है, जिससे दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आलम यह है कि लोगों को दिन में भी कंपकंपी छूट रही है और शाम होते ही सड़कें सूनी होने लगी हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, यह नवंबर के पहले पखवाड़े में पिछले कुछ सालों की सबसे तेज ठंड है। प्रदेश के कई शहरों में रात का पारा 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे लुढ़क गया है, जिससे सर्दी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
क्यों कांप रहा है राजस्थान?
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस अचानक बढ़ी ठंड के पीछे मुख्य वजह पहाड़ों पर हुई ताजा बर्फबारी और वहां से आ रही सर्द उत्तरी हवाएं हैं। ये बर्फीली हवाएं बिना किसी रुकावट के सीधे राजस्थान पहुंच रही हैं, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट आई है। इन हवाओं ने दिन की धूप को भी बेअसर कर दिया है, जिससे लोगों को बिल्कुल भी राहत नहीं मिल पा रही है।
माउंट आबू बना 'हिल स्टेशन', फतेहपुर में जमी ओस
ठंड का सबसे ज्यादा असर शेखावाटी अंचल और प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में देखने को मिल रहा है।
- माउंट आबू: यहां रात का तापमान जमाव बिंदु के करीब पहुंच गया है। सुबह के समय गाड़ियों की छतों और मैदानी इलाकों में बर्फ की हल्की परत देखने को मिल रही है।
- फतेहपुर (सीकर): शेखावाटी के फतेहपुर में भी सर्दी का सितम जारी है। यहां न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया है, जिससे सुबह खेतों में ओस की बूंदें जमने लगी हैं।
- चुरू और सीकर: इन जिलों में भी रात का तापमान 6-7 डिग्री के आसपास बना हुआ है, जो सामान्य से काफी कम है।
आगे कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए जो पूर्वानुमान जारी किया है, वह राहत देने वाला नहीं है।
- और गिरेगा पारा: अगले 48 घंटों में तापमान में 1 से 2 डिग्री की और गिरावट हो सकती है।
- शीतलहर का अलर्ट: शेखावाटी क्षेत्र के कुछ इलाकों में शीतलहर (Coldwave) चलने की भी संभावना जताई गई है।
- कोहरे का अलर्ट: सुबह के समय कुछ इलाकों में हल्का कोहरा भी छा सकता है, जिससे विजिबिलिटी कम हो सकती है।
किसानों के चेहरे खिले, पर सेहत का रखें ध्यान
यह तेज ठंड जहां आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है, वहीं रबी की फसलों, खासकर गेहूं और सरसों के लिए इसे 'सोने पर सुहागा' माना जा रहा है। किसानों का कहना है कि यह ठंड फसलों की बढ़वार के लिए बहुत फायदेमंद है।
इस बदलते मौसम में डॉक्टरों ने लोगों को, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। गर्म कपड़े पहनें, खान-पान का ध्यान रखें और सुबह-शाम की ठंड से बचें।
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