चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आए हैं। यह वायरस सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है। इससे बच्चों के संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है और खासतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में इस वायरस के मामले देखे जाते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन में ह्यूमन मेटोपोन्यूमोवायरस से बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं.
चीन के हालात अच्छे नहीं हैं
हालांकि चीन ने इन रिपोर्ट्स की पुष्टि नहीं की है, लेकिन वायरस और बीमारियों के पिछले इतिहास को देखते हुए आशंका है कि चीन में हालात अच्छे नहीं हैं. इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि चीन में न सिर्फ ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस बल्कि कई अन्य बीमारियों के मामले भी सामने आए हैं।
भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस बीमारी को लेकर अलर्ट पर है
चीन में इस वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस बीमारी को लेकर अलर्ट पर है। मंत्रालय ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल से वायरस पर नजर रखने को कहा है। इस बीच WHO से जुड़ी एक एजेंसी से अपडेट मिला है कि चीन में 16-22 दिसंबर के बीच ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामलों में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन उस दौरान राइनोवायरस और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) के मामले भी सामने आए थे. ये सभी वायरस श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं और बच्चों में इसके मामले अधिक पाए जाते हैं। आइए जानते हैं इन बीमारियों के बारे में. सबसे पहले बात करते हैं आरएसवी संक्रमण के बारे में।
आरएसवी संक्रमण क्या है?
रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) एक प्रकार का वायरस है जो श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनता है। यह वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को प्रभावित करता है। आरएसवी का सबसे आम लक्षण खांसी है, जो अक्सर कफ के साथ होती है। गंभीर मामलों में यह वायरस सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है। इसकी शुरुआत तेज बुखार से होती है। यह वायरस दशकों पुराना है और कई देशों में इसके मामले आते रहते हैं।
राइनोवायरस क्या है?
राइनो वायरस भी आरएसवी वायरस के समान है। इसे (आर.वी.) भी कहा जाता है। यह वायरस सर्दी-खांसी का कारण बनता है और संक्रमण का कारण बन सकता है। सर्दी के मौसम में इस वायरस के मामले अधिक सामने आते हैं। गंभीर मामलों में राइनोवायरस फेफड़ों में संक्रमण का कारण बन सकता है।