करियर में नहीं मिल रही तरक्की? ऑफिस में बैठने की यह दिशा दिला सकती है प्रमोशन और सफलता!

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नौकरी करने वाला हर व्यक्ति अपने काम में खूब मेहनत करता है और चाहता है कि उसे करियर में तरक्की मिले। लेकिन कई बार जी-तोड़ मेहनत और काबिलियत के बावजूद प्रमोशन रुका रहता है, बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं और ऑफिस में मन नहीं लगता। जिस तरह घर का वास्तु हमारे जीवन पर असर डालता है, ठीक उसी तरह ऑफिस का वास्तु भी हमारे करियर की दिशा तय करता है।

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है, खासकर उस जगह के लिए जहां आप अपने दिन का ज्यादातर समय बिताते हैं। अगर आप ऑफिस में अपनी बैठने की दिशा में एक छोटा सा बदलाव कर लें, तो करियर में आ रही रुकावटें दूर हो सकती हैं और सफलता के नए रास्ते खुल सकते हैं।

 

सफलता के लिए इस दिशा में करें मुंह (Best Sitting Position in Office)

वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऑफिस में काम करते समय आपका चेहरा सही दिशा में होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह आपकी एकाग्रता, सोचने-समझने की क्षमता और काम की गुणवत्ता पर सीधा असर डालता है।

  1. उत्तर दिशा (North): ऑफिस में काम करने के लिए उत्तर दिशा को सबसे उत्तम माना गया है। यह दिशा धन के देवता कुबेर की होती है। इस दिशा में मुंह करके बैठने से काम में फोकस बढ़ता है, निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है और नए आर्थिक अवसर मिलते हैं।
  2. पूर्व दिशा (East): उत्तर के बाद पूर्व दिशा भी काम करने के लिए बेहद शुभ मानी जाती है। यह भगवान सूर्य की दिशा है, जो सकारात्मक ऊर्जा, मान-सम्मान और नई शुरुआत का प्रतीक है। इस दिशा में बैठकर काम करने से आप ऊर्जावान महसूस करते हैं और काम में आपका प्रदर्शन बेहतर होता है।
  3. उत्तर-पूर्व दिशा (North-East or Ishan Kon): इसे ईशान कोण भी कहते हैं और यह दिशा ज्ञान और आध्यात्मिकता के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिशा में मुंह करके बैठने से नए विचार आते हैं, रचनात्मकता बढ़ती है और व्यक्ति अपने काम को बेहतर ढंग से प्लान कर पाता है।

 

भूलकर भी इस दिशा में न बैठें (Direction to Avoid in Office)

जिस तरह सही दिशा तरक्की दिलाती है, उसी तरह गलत दिशा में बैठकर काम करने से करियर में बाधाएं आती हैं, तनाव बढ़ता है और बने-बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं।

  • दक्षिण दिशा (South): ऑफिस में कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके नहीं बैठना चाहिए। वास्तु में इसे यम की दिशा माना गया है, जो स्थिरता और ठहराव लाती है। इस दिशा में बैठने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, बॉस और सहकर्मियों से संबंध खराब होते हैं और मेहनत का फल नहीं मिलता।
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा (South-West): इस दिशा में बैठने से भी बचना चाहिए, क्योंकि यह आलस, कन्फ्यूजन और काम में देरी का कारण बन सकती है।

 

वास्तु के ये छोटे नियम भी हैं बड़े काम के

  • पीठ के पीछे हो मजबूत दीवार: आपकी कुर्सी के पीछे एक मजबूत दीवार होनी चाहिए। यह सपोर्ट और सीनियर्स से मिलने वाले सहयोग का प्रतीक है। पीठ के पीछे दरवाजा या खिड़की होना अच्छा नहीं माना जाता।
  • साफ-सुथरी रखें अपनी डेस्क: आपकी डेस्क जितनी साफ-सुथरी और व्यवस्थित होगी, आपके विचारों में उतनी ही स्पष्टता आएगी। फैली हुई डेस्क कन्फ्यूजन और तनाव को बढ़ाती है।
  • बीम के नीचे न बैठें: ऑफिस में कभी भी किसी बीम या पिलर के ठीक नीचे नहीं बैठना चाहिए। इससे सिर पर बेवजह का दबाव और तनाव बना रहता है।

 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल सामान्य मान्यताओं और वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

 

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