मशहूर कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर किए गए व्यंग्य के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस टिप्पणी से नाराज शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कामरा के स्टूडियो और एक होटल में तोड़फोड़ कर दी।
इस घटना पर अब विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता रोहित पवार ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कॉमेडियनों को यह समझ लेना चाहिए कि अब समय 2014 से पहले जैसा नहीं रहा।
उन्होंने 2003 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब छगन भुजबल पर इसी तरह की टिप्पणी की गई थी, तब उनके समर्थकों ने एक कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। हालांकि, उस समय भुजबल ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
रोहित पवार ने आगे कहा कि राहुल गांधी से भी एक बार पूछा गया था कि जब उनके पिता, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करता है, तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होती है? इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया था कि उनके पिता का महत्व किसी की टिप्पणी से कम नहीं होता।
उन्होंने कहा कि हर कलाकार को अपनी बात रखने की आजादी होनी चाहिए, लेकिन मौजूदा दौर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं। इसलिए कलाकारों को अब अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
रोहित ने एकनाथ शिंदे को सलाह दी कि वे एक बड़े नेता हैं और अगर उन पर कोई व्यंग्य करता भी है, तो इससे उनके कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिंदे को अपने कार्यकर्ताओं को भी संयम बनाए रखने का संदेश देना चाहिए।