फोन नहीं, आपकी ये 5 'मासूम' आदतें चुरा रही हैं आपकी नींद!

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रात को हम बिस्तर पर लेटते हैं... घड़ी टिक-टिक करती रहती है... आप करवटें बदलते रहते हैं... और नींद भागती रहती है। सुबह जब अलार्म बजता है, तो शरीर थका हुआ और मन भारी होता है। हममें से ज़्यादातर लोग सोने से पहले टीवी शो देखते हुए अपनी नींद खराब करने के लिए अपने 'बेचारे' मोबाइल फोन को ज़िम्मेदार ठहराते हैं।

हाँ, मोबाइल फोन एक बड़ा विलेन है. लेकिन क्या हो अगर हम आपसे कहें कि आपकी नींद का असली चोर कोई और है? कोई ऐसी 'मासूम' सी आदत, जिस पर आपका कभी ध्यान ही नहीं गया.

तो चलिए, आज उन 5 छुपे हुए चोरों को पकड़ते हैं, जो मोबाइल से भी ज़्यादा शातिर तरीके से आपकी सुकून भरी नींद चुरा रहे हैं.

1. शाम की वो 'एक कप' चाय या कॉफ़ी
शाम को थकान दूर करने के लिए हम सभी एक कप चाय या कॉफ़ी पीते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस 'एक कप' का असर आपके शरीर पर अगले 6 से 8 घंटों तक रह सकता है? चाय और कॉफ़ी में मौजूद कैफीन आपके दिमाग के लिए अलार्म घड़ी की तरह काम करता है। यह आपके दिमाग को उस समय जगाए रखता है, जब आपके शरीर को नींद की सख्त ज़रूरत होती है। इसलिए अगली बार शाम 5 बजे के बाद कॉफ़ी पीने से पहले दो बार सोचें।

2. रात का भारी-भरकम और मसालेदार खाना
दिन भर की भागदौड़ के बाद रात में शाही दावत जैसा खाना किसे पसंद नहीं होता? लेकिन आपका यही शौक आपकी नींद का सबसे बड़ा दुश्मन है। जब आप सोने जाते हैं, तो आपका पेट उस भारी और मसालेदार खाने को पचाने के लिए 'ओवरटाइम' कर रहा होता है। आराम करने की बजाय, आपका शरीर पाचन क्रिया में व्यस्त हो जाता है। नतीजा? पेट में तकलीफ, एसिडिटी और नींद में खलल। सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले हल्का और सादा खाना खाएँ।

3. दिन भर कुर्सी से न हिलना
अगर आपका काम दिन भर बैठे रहना है, तो आपका शरीर शारीरिक रूप से थकता नहीं है। हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिसे अच्छी नींद के लिए थोड़ा थकना ज़रूरी है। दिन भर कोई भी हल्का व्यायाम या टहलना न सिर्फ़ आपकी सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि रात में गहरी और आरामदायक नींद लाने में भी मदद करता है। हाँ, बस सोने से ठीक पहले व्यायाम करने से बचें, वरना नींद की जगह भाग जाएगी।

4. जब शरीर बिस्तर पर हो, लेकिन दिमाग किसी मीटिंग में हो
आजकल की सबसे बड़ी समस्या यही है - ज़रूरत से ज़्यादा सोचना। आप बिस्तर पर तो आ जाते हैं, लेकिन आपका मन कल की मीटिंग, घर की समस्याओं और भविष्य की चिंताओं में भटक रहा होता है। यह तनाव और चिंता आपके मन को शांत नहीं होने देती। सोने से पहले किताब पढ़ना, हल्का संगीत सुनना या कुछ मिनट गहरी साँसें लेना इस 'दिमागी तूफ़ान' को शांत करने में मदद कर सकता है।

5. क्या आपका शयनकक्ष सोने का कमरा है या स्टोररूम?

आपका शयनकक्ष सोने और आराम करने की जगह है। अगर टीवी चल रहा हो, मंद रोशनी हो, या बहुत ज़्यादा गर्मी या शोर हो, तो आपके दिमाग को कभी यह संकेत नहीं मिलेगा कि सोने का समय हो गया है। अच्छी नींद के लिए, यह बहुत ज़रूरी है कि आपका कमरा ठंडा, अंधेरा और शांत हो। इसे अपनी 'नींद का आश्रय' बनाएँ।

तो अगली बार जब आपको नींद न आए, तो सिर्फ़ अपने फ़ोन को दोष न दें। अपनी इन छोटी-छोटी आदतों पर गौर करें। हो सकता है कि आरामदायक नींद का रिमोट कंट्रोल आपके ही हाथ में हो।

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