इंफाल, 06 नवंबर (हि.स.)। मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथंबम बीरेन सिंह ने घोषणा की है कि एनआरसी, नशीली दवाओं (ड्रग्स) के खिलाफ जारी युद्ध पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
थाडू सम्मेलन में अपनाए गए प्रस्ताव में राज्य में ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ (एनआरसी) और ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ अभियान के लिए समर्थन व्यक्त किया गया। बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह थडू ने सम्मेलन में पारित प्रस्ताव पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि उनकी सरकार एनआरसी और राज्य में ड्रग्स के खिलाफ चल रही लड़ाई पर कोई समझौता नहीं करेगी। मणिपुर में अशांति की जड़ नशा और घुसपैठिए हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बाहरी लोगों की मदद से शांति कहीं भी नहीं आई है, मणिपुर में भी नहीं आएगी। इसलिए उनकी सरकार इन दोनों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री बीरेन ने आज इंफाल में व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रवेश परीक्षा के लिए मुख्यमंत्री कोचिंग योजना का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के बाद वे पत्रकारों से मुखातिब हुए। मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ”शांति जरूर आएगी।” थाडू राज्य की सबसे पुरानी जनजातियों में से एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमें आदिवासी समुदायों की पहचान और पुराने बाशिंदों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। इसके लिए हम अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम भारतीय हैं।”
अभी हाल ही में असम की राजधानी गुवाहाटी में थाडू समुदाय का एक सम्मेलन आयोजित किया गया था। लोगों को ग़लतफ़हमी है कि थाडु लोग कुकी जनजाति से हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। थाडू एक विशिष्ट जातीय समूह है, जिसकी अपनी विशिष्ट भाषा, संस्कृति, परंपरा और समृद्ध इतिहास है।