फिर मिलेंगे नीतीश कुमार और लालू यादव! बिहार में चुनाव से पहले सियासी खेल शुरू हो गया

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बिहार पॉलिटिक्स: बिहार में आरएलजेपी (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) ने मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया है. जिससे बिहार की सियासत गरमा गई है. क्योंकि, यह बात सामने आ रही है कि आरएलजेपी अध्यक्ष पशुपति कुमार ने इस कार्यक्रम में लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक सभी राजनीतिक नेताओं को निमंत्रण भेजा है. अगर ये सच है तो लंबे समय बाद दोनों नेता एक साथ नजर आएंगे. जो बिहार की राजनीति के लिहाज से काफी अहम है. साथ ही यह भी जानकारी सामने आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री रबी देवी के आवास पर दही-चूड़ा का भी आयोजन किया जाएगा. जिसमें राजद की परंपरा के मुताबिक वे सभी दलों को आमंत्रित करेंगे. बहरहाल, अब सभी लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि एनडी के कौन-कौन से नेता इस पार्टी में आ रहे हैं? 

कांग्रेस ने दही-चूड़ा का भी आयोजन किया

साथ ही हर साल की तरह इस साल भी कांग्रेस की ओर से सदाकत आश्रम में दही-चूड़ा का आयोजन किया गया है. जिसमें महागठबंधन की सभी पार्टियां शामिल होंगी. बीजेपी तरफ से यह भी खबर आ रही है कि बीजेपी कार्यालय में दही-चूड़ा का आयोजन करेगी. जिसमें सभी को कंट्रोल भेजा जाएगा। लेकिन, हर बार की तरह इस बार भी विपक्षी दल के नेता शामिल नहीं होंगे. साथ ही नितिन, नवीन से लेकर विजय सिन्हा भी दही-चूड़ा का आयोजन कर रहे हैं और इस साल भी करेंगे.

 

सबकी निगाहें रबी देवी पर होंगी

जेडीयू की ओर से वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह अब तक आयोजन करते रहे हैं, लेकिन इस बार खराब स्वास्थ्य के कारण ऐसा नहीं कर रहे हैं. लेकिन, जेडीयू की ओर से कौन करेगा, इस पर तस्वीर साफ नहीं है. साथ ही दूसरी ओर अन्य राजनीतिक दल भी अपने स्तर पर दही-चूड़ा का आयोजन कर रहे हैं. लेकिन, मुख्य फोकस राबडी देवी और पशुपतु कुमार पारस की दावत पर होगा.

 

हालांकि, बिहार की राजनीति से करीब से परिचित लोगों के मुताबिक, इस बार किसी राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना कम है. क्योंकि, नीतीश कुमार की तरह लालू यादव को भी तुरंत नकारे जाने की सारी संभावनाएं लगभग ख़त्म हो चुकी हैं. लेकिन, फिर भी लोगों की नजर दही-चूड़ा पर रहेगी. क्योंकि, बिहार का दही-चूड़ा बड़े राजनीतिक संदेश देता रहा है और इस साल चुनाव भी हैं.