शनिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे में आयोजित मराठा सेवा संघ के कार्यक्रम में मराठा नेता पुरुषोत्तम खेडेकर को उनकी 75वीं जयंती पर बधाई दी। गडकरी की खेडेकर की प्रशंसा ने ध्यान खींचा, खासकर क्योंकि खेडेकर का अतीत विवादों से जुड़ा रहा है। खेडेकर ब्राह्मण विरोधी बयानों और ब्राह्मणों के नरसंहार की वकालत करने वाली एक पुस्तक को लेकर विवादों में रहे हैं।
गडकरी ने खेडेकर के योगदान को याद किया
नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में खेडेकर के योगदान और उनके साथ के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि खेडेकर, जब महाराष्ट्र के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) में कार्यकारी अभियंता थे, तब उन्होंने गडकरी के सुधारात्मक निर्णयों का समर्थन किया।
गडकरी ने कहा, “मैं खेडेकर को वर्षों से जानता हूं। जब मैंने बेरोजगार इंजीनियरों को ठेके देने की योजना शुरू की, तो इसका विरोध करने वाले कई लोग थे। लेकिन खेडेकर ने इसे पूरी तरह समर्थन दिया। इस पहल ने महाराष्ट्र के कई युवाओं को ठेकेदार बनने और अपने करियर को संवारने का अवसर दिया।”
खेडेकर पर लगे आरोप और गडकरी का समर्थन
गडकरी ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार महाराष्ट्र के सार्वजनिक निर्माण मंत्री का पद संभाला, तो खेडेकर पर नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे। लेकिन जांच के बाद, गडकरी ने पाया कि खेडेकर के कार्य समाज की भलाई के लिए थे।
गडकरी ने कहा, “उनके खिलाफ 35 शिकायतें दर्ज थीं। जब मैंने उनकी फाइलों की जांच की, तो स्पष्ट हुआ कि उनके कदम हमेशा समाजहित के लिए थे। मैंने उन शिकायतों को खारिज कर दिया।”
राजनीति से दूर रहने के लिए खेडेकर की प्रशंसा
गडकरी ने खेडेकर के राजनीति से दूर रहने के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं अक्सर समाज सेवा में रुचि रखने वालों को सलाह देता हूं कि पहले अपने परिवार की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करें। खेडेकर का राजनीति में न आना एक समझदारी भरा कदम था। अगर वह किसी पार्टी में शामिल हो जाते, तो उनकी पहचान पार्टी तक सीमित रह जाती। इसके बजाय, उन्होंने आम जनता के लिए काम किया और अपनी खुद की पहचान बनाई, जो किसी विधायक से भी अधिक प्रभावशाली है।”
खेडेकर का विवादित अतीत और गडकरी की उपस्थिति पर सवाल
खेडेकर का नाम उनके विवादित बयानों और एक ऐसी किताब से जुड़ा है, जिसमें ब्राह्मणों के नरसंहार की वकालत की गई थी। 2015 में, खेडेकर को छत्रपति शिवाजी की मां जीजाबाई के स्मारक परियोजना के लिए समिति का अध्यक्ष नियुक्त करने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना भी हुई थी।
हालांकि, गडकरी ने अपने संबोधन में इन विवादों का कोई उल्लेख नहीं किया, बल्कि खेडेकर के सकारात्मक पहलुओं और समाज के लिए उनके योगदान को रेखांकित किया।