Nitin Gadkari News: दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े बदलाव के लिए केंद्र सरकार का 1 लाख करोड़ का प्लान

Nitin Delhi

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की कि केंद्र सरकार अगले दो वर्षों में दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने और प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने और प्रदूषण को खत्म करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। गडकरी ने यह भी आश्वासन दिया कि अगले पांच सालों में दिल्ली वायु प्रदूषण से मुक्त हो जाएगी।

दिल्ली के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं

गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत यमुना नदी को साफ करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा,
“आने वाले दो सालों में दिल्ली में 1 लाख करोड़ रुपये के काम किए जाएंगे, जिससे पूरे शहर की सूरत बदल जाएगी। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता में देरी के कारण कुछ कार्य लंबित हैं।”

65,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम जारी

गडकरी ने बताया कि सड़क और परिवहन मंत्रालय ने 65,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।

इनमें शामिल हैं:

  • 33,000 करोड़ रुपये के काम पहले ही पूरे हो चुके हैं।
  • शेष 32,000 करोड़ रुपये के काम अगले साल तक पूरे किए जाएंगे।

गडकरी ने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य दिल्लीवासियों को ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से राहत देना है।

महत्वपूर्ण सड़क और एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स

1. नई रिंग रोड (UER-II):

  • लागत: 7,716 करोड़ रुपये (दिल्ली) और 6,000 करोड़ रुपये (हरियाणा)।
  • लंबाई: 120 किलोमीटर।

2. दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेसवे से संपर्क सड़क:

  • लंबाई: 60 किलोमीटर।
  • लागत: 7,000 करोड़ रुपये।
  • समाप्ति: इस साल।

3. ओखला बर्ड सैंक्चुअरी एलिवेटेड सड़क:

  • लंबाई: 6.8 किलोमीटर।
  • समाप्ति: मार्च तक।

4. जेवर एयरपोर्ट से IGI एयरपोर्ट ग्रीनफील्ड सड़क:

  • लंबाई: 32 किलोमीटर।
  • लागत: 3,000 करोड़ रुपये।

5. द्वारका एक्सप्रेसवे:

  • लंबाई: 8 लेन।
  • लागत: 9,000 करोड़ रुपये।
  • समाप्ति: जून तक।

प्रदूषण कम करने के प्रयास

गडकरी ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए सरकार कई उपाय कर रही है।

इनमें शामिल हैं:

  • इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोत्साहन: इलेक्ट्रिक बस, कार, और स्कूटर की शुरुआत।
  • CNG वाहनों का उपयोग: दिल्ली में 40% प्रदूषण फॉसिल फ्यूल के कारण होता है, जिसे कम करने के लिए CNG वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • पराली से CNG उत्पादन: पराली से CNG बनाने के लिए 400 प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 60 पहले से ही चालू हैं।

पराली जलाने की समस्या का समाधान

गडकरी ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने की समस्या को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं।

पानीपत परियोजना:

  • पराली से 1 लाख लीटर इथेनॉल, 150 टन बायो-विटामिन, और 78,000 टन एविएशन फ्यूल का उत्पादन किया जाएगा।
  • यह परियोजना न केवल प्रदूषण कम करेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी और किसानों की आय बढ़ाएगी।