महिला सुरक्षा के लिए निर्भया फंड सक्रिय, 49 योजनाएं जारी: केंद्रीय मंत्री

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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि निर्भया फंड को बंद नहीं किया गया है और इसके तहत 49 योजनाएं वर्तमान में संचालित हो रही हैं। प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए इस कोष में धनराशि की कोई कमी नहीं है और जरूरत के अनुसार आवश्यक बजट आवंटित किया जाता है।

वन स्टॉप सेंटर और महिला सहायता

मंत्री ने जानकारी दी कि निर्भया फंड के तहत वन स्टॉप सेंटर (OSC) भी संचालित किए जा रहे हैं, जिनकी संख्या 812 तक पहुंच गई है। इन केंद्रों के माध्यम से अब तक 10 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की जा चुकी है।

  • संकटग्रस्त या पीड़ित महिलाएं पहले 5 दिन तक इन केंद्रों में रह सकती हैं।

  • जरूरत पड़ने पर यह अवधि 10 दिन तक बढ़ाई जा सकती है।

  • अब तक 7713 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं, जिसमें से 76% राशि खर्च की जा चुकी है।

घरेलू हिंसा के मामलों का भी होता है पंजीकरण

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने बताया कि वन स्टॉप सेंटरों में घरेलू हिंसा सहित अन्य अपराधों के भी मामले दर्ज किए जाते हैं। सरकार की योजना प्रत्येक जिले में एक सेंटर खोलने की थी, लेकिन अब इसे मांग-आधारित बना दिया गया है। जरूरत के अनुसार अधिक केंद्र भी खोले जा सकते हैं।

  • नए भवनों के निर्माण के लिए 60 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

  • पुराने भवनों के जीर्णोद्धार के लिए 10 लाख रुपये तक की राशि दी जाती है।

क्या है निर्भया फंड?

2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की थी। इसके तहत विभिन्न योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिनमें शामिल हैं:

  1. यौन हिंसा पीड़ितों को मुआवजा एवं पुनर्वास सहायता

  2. वन स्टॉप सेंटर (OSC) – जहां कानूनी, चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

  3. महिला हेल्पलाइन (181) – जो सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संचालित की जा रही है।

केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि महिला सुरक्षा और सहायता को लेकर यह फंड पूरी तरह सक्रिय है और जरूरत के मुताबिक धनराशि जारी की जाती रहेगी।