Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस का प्रकोप, जानिए इसके लक्षण, इलाज और बचाव

Nipah Virus1 1726802329 17268044

Nipah Virus: भारत में निपाह वायरस का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. केरल में निपाह संक्रमण के मामले सामने आए हैं. केरल में रविवार को निपाह वायरस की चपेट में आने से महज 24 साल के एक मरीज की मौत हो गई। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मलप्पुरम के एक निजी अस्पताल में निपाह संक्रमित मरीज की मौत हो गई है.

केरल में निपाह वायरस से मरने वाले युवक के संपर्क में आए सभी 175 लोगों की निगरानी की जा रही है. प्रभावित मरीज के संपर्क में आये लोगों की जांच की जा रही है. अब तक 37 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

वीना जॉर्ज ने कहा कि हम जरूरी सावधानियां बरत रहे हैं. हमने मृतक के संपर्क में आए 175 लोगों को ट्रैक करने का फैसला किया है। इनमें से 74 स्वास्थ्य कर्मी हैं। हमने 104 लोगों को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा है. 10 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है, 13 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इतना ही नहीं, पीड़िता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए 16 छात्रों को भी आइसोलेशन में रहने को कहा गया है.

केरल में निपाह वायरस धीरे-धीरे फैल रहा है. केरल में पिछले काफी समय से निपाह वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। एक अध्ययन में कोझिकोड, वायनाड, मलप्पुरम, इडुक्की, एर्नाकुलम में चमगादड़ों में निपाह वायरस एंटीबॉडी के बारे में जानकारी सामने आई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक वायरस है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। यह वायरस खाने-पीने की चीजों के जरिए भी लोगों के बीच फैल सकता है। निपाह वायरस का पहला मामला 1999 में मलेशिया में सामने आया था। यहां सुंगई निपाह नामक गांव में यह वायरस पाया गया, जिसके बाद इस वायरस का नाम निपाह रखा गया।

यह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। हालाँकि, शोध से यह भी पता चला है कि यह वायरस सूअर, कुत्ते, बिल्ली, घोड़े और भेड़ से भी फैल सकता है। निपाह से संक्रमित व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को भी इस वायरस से संक्रमित कर सकता है।

वैसे तो निपाह वायरस कम संक्रामक है लेकिन यह बेहद खतरनाक है। यह संक्रमण तेजी से नहीं फैलता है लेकिन मृत्यु दर बहुत अधिक है। जब केरल में पहली बार वायरस फैला, तो मृत्यु दर 45-70 प्रतिशत थी। अगर परिवार में कोई इस वायरस से संक्रमित हो जाए तो परिवार के अन्य सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

निपाह वायरस के लक्षणों की बात करें तो इससे संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार होता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, गले में खराश, एटिपिकल निमोनिया के लक्षण भी होते हैं। स्थिति गंभीर होने पर एन्सेफलाइटिस भी हो जाता है। मरीज़ 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है।

निपाह वायरस के लक्षण मरीज में 5-14 दिनों के अंदर दिखने लगते हैं। कुछ मामलों में यह 45 दिनों के बाद भी दिखाई देता है। ऐसे में जब तक किसी व्यक्ति के संक्रमित होने का पता चलता है, तब तक वह दूसरों को भी संक्रमित कर चुका होता है।

हालाँकि निपाह वायरस का पहला मामला 1999 में सामने आया था, लेकिन अब तक इस वायरस से बचाव के लिए कोई टीका या इलाज नहीं है। फिलहाल इस संक्रमण का इलाज सिर्फ बचाव है।

इस संक्रमण से बचने की बात करें तो चमगादड़ और सूअर के संपर्क में आने से बचना चाहिए और पेड़ों से गिरे फल नहीं खाने चाहिए। मास्क का प्रयोग करना चाहिए और समय-समय पर हाथ धोने चाहिए, वायरस के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।