मोहाली: पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने 7 मार्च को अपने 71वें दीक्षांत समारोह के मौके पर 48 साल की उम्र में 68 किताबों के लेखक निंदर घुगियानवी को ‘साहित्य रत्न’ देने की घोषणा की है. घुग्याणवी पहले पंजाबी लेखक हैं जिन्हें महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र में राइटर-इन-रेसिडेंस नियुक्त किया गया है।
घुग्याणवी की लिखी किताबों पर सिर्फ 9 कक्षाओं में करीब 12 छात्र एम.फिल और पीएचडी कर चुके हैं। पंजाब के सभी विश्वविद्यालयों ने अपनी पुस्तकें प्रकाशित कर उन्हें पाठ्यक्रम का हिस्सा बना लिया है।
खास बात यह है कि निंदर घुग्याणवी की आत्मकथात्मक पुस्तक “आई वाज जजेज ऑर्डली” का अंग्रेजी अनुवाद नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया, दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया था। इस पुस्तक का भारत की 15 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। उनके कई लेखों पर लघु फ़िल्में बनाई गईं। पंजाब की लोककथाओं और संस्कृति पर शोध कार्य हुआ है और हो रहा है। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ द्वारा 71वें दीक्षांत समारोह में “साहित्य रत्न” से सम्मानित किये जाने पर उन्होंने कहा कि कला और साहित्य के प्रति उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ गयी है.