जम्मू, 14 नवंबर (हि.स.)। इस साल कश्मीर में दो गैर-स्थानीय लोगों की हत्या में शामिल एक प्रमुख आतंकी संगठन से जुड़े आरोपित की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अचल संपत्ति जब्त की है। यह संपत्ति को बुधवार को श्रीनगर के जलदागर में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 25 के तहत जब्त की गई थी, जिसके बारे में एनआईए ने गुरुवार को अधिकृत जानकारी दी है।
एनआईए ने गुरुवार को आधिकारिक बयान में कहा कि आरोपित आदिल मंजूर लंगू पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़ा हुआ है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित उनके टीआरएफ/एलईटी हैंडलर के नेतृत्व में साजिश का उद्देश्य भारत में निर्दाेष लोगों की हत्या करना, आतंक फैलाना और हिंसा भड़काना था। श्रीनगर के शाला कदल में 7 फरवरी को हुई दो गैर-स्थानीय लोगों की हत्या के मामले में 12 फरवरी को लंगू, डार और दाऊद को गिरफ्तार किया गया था, जबकि मास्टरमाइंड जहांगीर अभी भी फरार है। बयान में कहा गया है कि अपराध को अंजाम देने में इस्तेमाल किया गया हथियार और गोला-बारूद 10 मरला की संपत्ति से बरामद किया गया था, जिसे उसके मूल मालिक ने लंगू के पिता और कुछ अन्य लोगों को हस्तांतरित कर दिया गया था।
जांच एजेंसी ने कहा कि 12 फरवरी को गिरफ्तार किए गए लंगू और अन्य आरोपितों के खिलाफ अगस्त में आरोप पत्र दायर किया गया था और वह वर्तमान में श्रीनगर की सेंट्रल जेल में बंद है। टीआरएफ 2019 में लश्कर के एक प्रॉक्सी संगठन के रूप में सामने आया था, उसे भी एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है। यह कश्मीर में गैर-स्थानीय नागरिकों पर कई हमलों और हत्याओं के लिए जिम्मेदार रहा है, जिनमें धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबंधित लोग भी शामिल हैं। एनआईए ने कहा कि यह संगठन स्थानीय पुलिसकर्मियों सहित भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों के पीछे भी है।