NIA Raid In UP : खटखटाया दरवाजा और घुस गई टीम ,पेट्रोल पंप मालिक पर शिकंजा, क्या है टेरर लिंक

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News India Live, Digital Desk : उत्तर प्रदेश में अपराधियों और संदिग्ध गतिविधियों पर नकेल कसने का सिलसिला थम नहीं रहा है। जब बीती रात हम और आप अपने घरों में सुकून की नींद ले रहे थे, ठीक उसी वक्त यूपी के कुछ इलाकों में सन्नाटे को चीरते हुए जांच एजेंसियों की गाड़ियां दौड़ रही थीं।

ताज़ा खबर ने पूरे सूबे में खलबली मचा दी है। National Investigation Agency (NIA) ने अपनी 'मिडनाइट स्ट्राइक' (Midnight Strike) से सबको चौंका दिया है। खबर है कि टीम ने एक पेट्रोल पंप मालिक और उससे जुड़े कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर मामला क्या है और NIA को पेट्रोल पंप मालिक के घर क्यों धमकना पड़ा।

आधी रात को हुआ 'धार्मिक' (Action Starts)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कार्रवाई बीती रात (बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात) से ही शुरू हो गई थी। NIA की अलग-अलग टीमें पूरी तैयारी के साथ यूपी के मुजफ्फरनगर और आस-पास के कुछ लोकेशंस पर पहुंचीं। निशाने पर थे एक मशहूर पेट्रोल पंप के मालिक।

जैसे ही गाड़ियों का काफिला रुका और टीम ने दरवाजा खटखटाया, इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय पुलिस (UP Police) को भी सुरक्षा के लिए साथ रखा गया था ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।

क्यों हुई ये रेड? (The Mystery)

अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा— "भाई, एक पेट्रोल पंप वाले के यहाँ देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी (NIA) क्या कर रही है?"

देखिए, NIA तभी एक्शन में आती है जब मामला बेहद गंभीर हो। आमतौर पर इसके तार टेरर फंडिंग (Terror Funding), बड़े गैंस्टर नेक्सस या फिर हवाला के जरिये पैसों के लेन-देन से जुड़े होते हैं। सूत्रों की मानें तो एजेंसी को पुख्ता इनपुट्स मिले थे कि पेट्रोल पंप की आड़ में कुछ संदिग्ध गतिविधियां या संदिग्ध लेन-देन हो रहा है। शायद इसी के सुराग ढूंढने के लिए टीम ने घर का कोना-कोना छान मारा।

क्या मिला अब तक?

हालांकि, अभी तक NIA की तरफ से कोई आधिकारिक लिस्ट जारी नहीं की गई है, लेकिन अंदरखाने खबर है कि कई पुराने दस्तावेज़, बैंक डीटेल्स और डिजिटल सबूत (मोबाइल/लैपटॉप) खंगाले जा रहे हैं। टीम पेट्रोल पंप मालिक से और उनके करीबियों से तीखे सवाल-जवाब भी कर रही है।

यूपी में दहशत का माहौल

जिस तरह से बिना किसी भनक के यह रेड डाली गई है, उससे संदिग्ध लोगों की नींद उड़ गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ की "ज़ीरो टॉलरेंस" नीति के बीच केंद्रीय एजेंसी का यह एक्शन साफ़ संकेत है कि यूपी में किसी भी तरह की देश विरोधी या समाज विरोधी हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अब देखना दिलचस्प होगा कि पेट्रोल पंप की फाइलों से क्या राज निकलते हैं। क्या यह सिर्फ टैक्स चोरी का मामला है या फिर तार किसी बड़े गिरोह से जुड़े हैं? हम नज़र बनाए हुए हैं!

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