जमशेदपुर: दक्षिण पूर्व रेलवे जल्द ही टाटानगर और पटना के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। यह ट्रेन भोजूडीह और गोमो होते हुए सात घंटे में पटना पहुंचेगी। इसके लिए टाटानगर में मेंटेनेंस सेंटर भी बनाया जा रहा है। रेलवे इस ट्रेन के लिए अलग रूट पर विचार कर रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को फायदा मिल सके। अभी टाटा से पटना जाने वाली ट्रेनों का इंजन आसनसोल में बदलना पड़ता है, जिससे समय की बर्बादी होती है। नए रूट से यह समस्या दूर हो जाएगी और धनबाद के लोगों को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा।
हालांकि रेलवे ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस ट्रेन का परिचालन जल्द ही शुरू हो सकता है। इस ट्रेन में आठ कोच होंगे और इसकी स्पीड 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इस ट्रेन के रखरखाव की जिम्मेदारी दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल के पास होगी। इसके लिए टाटानगर में मेंटेनेंस सेंटर बनाया जा रहा है। जबकि शुरुआती मरम्मत का काम पटना के पाटलिपुत्र कोचिंग कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा।
भोजूडीह-गोमो के रास्ते चल सकती है नई ‘वंदे भारत’
इस ट्रेन को नए रूट पर चलाया जा सकता है। इस ट्रेन को टाटानगर-पुरुलिया-अनाड़ा-भोजुडीह-महुदा-गोमो-कोडरमा-गया-जहानाबाद-पटना के रास्ते चलाया जा सकता है। हाल ही में टाटा-पटना स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी, जो इसी रूट से होते हुए मात्र आठ घंटे में पटना पहुंच गई थी। इस रूट पर ‘वंदे भारत’ चलाकर दक्षिण पूर्व रेलवे अपने अधिक स्टेशनों को कवर कर सकता है।
यह ‘वंदे भारत’ का समय हो सकता है
इस ट्रेन का अनुमानित समय सुबह 6 बजे टाटानगर से होगा और यह दोपहर 1 बजे पटना पहुँचेगी। फिर यह दोपहर 2 से 3 बजे के बीच पटना से चलेगी और रात 10 से 11 बजे के बीच टाटानगर पहुँचेगी। यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी।
वर्तमान में यह ट्रेन आसनसोल होते हुए पटना जाती है।
वर्तमान में टाटानगर-बिहार जाने वाली ट्रेन पुरुलिया-जयचंदी पहाड़-आसनसोल-जेसीडीह-क्यूल होकर चलती है। इस दौरान आसनसोल स्टेशन पर इसका इंजन बदलना पड़ता है। इससे काफी समय बर्बाद होता है।
यह है टाटा-पटना के लिए ट्रेन
आपको बता दें कि फिलहाल टाटा से पटना के लिए कोई ट्रेन नहीं है, जो भी ट्रेन है वो पटना से आगे तक जाती है। इन ट्रेनों में टाटा-बक्सर एक्सप्रेस, दुर्ग-आरा साउथ बिहार एक्सप्रेस और बिलासपुर-पटना सुपर एक्सप्रेस शामिल हैं।
रेलवे का मानना है कि यह ट्रेन टाटा और पटना के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक होगी और इससे क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।