चंडीगढ़, 9 जून (हि.स.)। हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार ने जनता की शिकायतों के समाधान के लिए मुख्य सचिव कार्यालय में “समाधान प्रकोष्ठ” की स्थापना की है। इस “प्रकोष्ठ” की ओर से जनता की शिकायतों के समाधान के लिए प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह 9 बजे से 11 बजे तक प्रत्येक जिला और उप-मंडल मुख्यालय में ‘समाधान शिविर’ का आयोजन किया जाएगा।
प्रसाद ने रविवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आम तौर पर जनता की शिकायतों में दो चरण शामिल होते हैं, नीति निर्माण से संबंधित मुद्दे और क्रियान्वयन प्रक्रिया में अड़चनें। नीतिगत भाग से संबंधित मुद्दों को प्रशासनिक सचिवों के समन्वय से इस “समाधान प्रकोष्ठ” द्वारा राज्य मुख्यालय स्तर पर हल किया जाएगा, जबकि कार्यान्वयन की अड़चनों को जिला प्रशासन के माध्यम से “समाधान शिविरों” में दूर किया जाएगा।
टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आम जनता के समक्ष आने वाली नीतिगत समस्याओं के समाधान के लिए वे स्वयं प्रशासनिक सचिवों के साथ “समाधान प्रकोष्ठ” की बैठकें करेंगे तथा योजना के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि “समाधान शिविरों” में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय), अतिरिक्त उपायुक्त, जिला नगर आयुक्त, उपमंडल अधिकारी (नागरिक) (मुख्यालय) तथा एसडीओ (सिविल) और पुलिस उप अधीक्षक तथा जिले के उपमंडलों के अन्य अधिकारी प्रतिदिन उपायुक्त तथा एसडीओ (नागरिक) कार्यालय में एक साथ बैठेंगे तथा जनता की शिकायतों का समाधान करेंगे। इसके अलावा, संबंधित उपायुक्त आवश्यकतानुसार किसी अन्य अधिकारी की भी ड्यूटी लगा सकते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासन का प्रयास रहेगा कि ‘समाधान शिविर’ में आने वाली जन शिकायत का यथासंभव प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र, भूमि पंजीकरण, स्थानीय निकायों से बकाया प्रमाण पत्र, नगर पालिकाओं से नक्शा स्वीकृति, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राशन कार्ड और सार्वजनिक वितरण प्रणाली, अपराध संबंधी शिकायतें और बिजली/सिंचाई/जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी संबंधित शिकायतें शामिल हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी उपायुक्त जिले से संबंधित दैनिक रिपोर्ट मंडल आयुक्तों को प्रस्तुत करेंगे, जिसमें सभी उप-मंडलों से संबंधित अनुरोध शामिल होंगे। इसकी एक प्रति मुख्य सचिव कार्यालय में समाधान प्रकोष्ठ को भी भेजी जाएगी, जिसमें प्राप्त शिकायतों की संख्या, शिकायतों का समाधान, लंबित शिकायतों की संख्या और कारणों के बारे में जानकारी दी जाएगी।