New Income Tax Circular: करदाताओं के लिए खुशखबरी! TDS/TCS कटौती को लेकर सरकार ने किया बड़ा ऐलान, अब नहीं कटेगा डबल टैक्स; चेक करें नया सर्कुलर

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इनकम टैक्स सर्कुलर: करदाताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने करदाताओं/कारोबारियों को टीडीएस/टीसीएस कटौती को लेकर बड़ी राहत दी है। पैन (स्थायी खाता संख्या) को निष्क्रिय करने को लेकर छूट दी गई है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की ओर से मंगलवार को इस बारे में सर्कुलर जारी किया गया है। दरअसल, करदाताओं को पैन निष्क्रिय होने पर डबल डिडक्शन के नियम से छूट मिल गई है। अब निष्क्रिय पैन पर डबल डिडक्शन नहीं होगा।

आपको लाभ कब मिलेगा?

पैन के निष्क्रिय हो जाने की स्थिति में दोगुना टैक्स काटने का प्रावधान किया गया, जिस पर छूट 31 मई 2024 तक जारी रहेगी। दोहरी कटौती नहीं होने का नियम 31 मई तक लागू रहेगा। इसमें 31 मार्च तक किए गए लेनदेन को भी इस नियम से छूट मिलेगी।

नोट: टीडीएस क्या है?

टीडीएस अलग-अलग आय स्रोतों पर काटा जाता है। जैसे कि वेतन, किसी निवेश पर मिलने वाला ब्याज या कमीशन आदि। सरकार टीडीएस के ज़रिए टैक्स वसूलती है। हालाँकि, यह हर आय और लेन-देन पर लागू नहीं होता।

आयकर विभाग द्वारा टीडीएस काटने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। आपको बता दें कि सरकार सीधे तौर पर टीडीएस नहीं काटती है।

सरकारी खाते में टीडीएस जमा करने की जिम्मेदारी भुगतान करने वाले व्यक्ति या भुगतान करने वाली संस्था की होती है। टीडीएस काटने वालों को डिडक्टर कहते हैं। टैक्स काटने के बाद जो व्यक्ति भुगतान प्राप्त करता है उसे डिडक्टी कहते हैं।

टीडीएस की दरें एक फीसदी से शुरू होकर 30 फीसदी तक होती हैं। अगर सिर्फ सैलरी पर टीडीएस की बात करें तो इनकम स्लैब के हिसाब से व्यक्ति की कुल आय पर 10 फीसदी का टीडीएस लगता है। वहीं,
एफडी की मैच्योरिटी पर 10 फीसदी तक टीडीएस देना पड़ता है। अगर ग्राहक ने बैंक को अपने पैन कार्ड की जानकारी नहीं दी है तो 20 फीसदी टीडीएस लगता है।

टीसीएस क्या है: टीसीएस को असल में स्रोत पर जमा किया गया कर कहा जाता है। इसे आय से एकत्रित किया गया कर भी कहा जाता है। टीसीएस का भुगतान विक्रेता, डीलर, वेंडर और दुकानदार द्वारा किया जाता है। टीसीएस असल में उच्च मूल्य के लेनदेन पर काटा जाता है।