सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है और इसे संसद की स्थायी समिति को भेजा गया है, जहां इस पर व्यापक चर्चा होगी। यह बिल इनकम टैक्स नियमों को सरल बनाने के उद्देश्य से लाया गया है, जिससे करदाताओं को बेहतर स्पष्टता और आसान अनुपालन मिलेगा। हालांकि, टैक्स की दरों और स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सेक्शन 80C में कोई बदलाव नहीं, लेकिन नया सेक्शन 123 आएगा
कर विशेषज्ञों का कहना है कि नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स दरें, स्लैब्स और कैपिटल गेन टैक्स में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यह बिल केवल कर कानूनों की भाषा और अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए लाया गया है।
बड़ी अपडेट:
- सेक्शन 80C में डिडक्शन की सीमा (₹1.5 लाख) पहले की तरह ही रहेगी।
- नए बिल में सेक्शन 80C को हटाकर सेक्शन 123 के रूप में जोड़ा गया है।
- डिडक्शन क्लेम के विकल्प जैसे ELSS, PPF, लाइफ इंश्योरेंस, NPS और बच्चों की ट्यूशन फीस अब सेक्शन 123 के तहत आएंगे।
नए टैक्स सिस्टम में कुल 536 सेक्शंस होंगे
टैक्सआराम डॉट कॉम के फाउंडर-डायरेक्टर मयंक मोहनका के अनुसार, नए इनकम टैक्स बिल में कुल 536 सेक्शंस होंगे, जबकि मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में 298 सेक्शंस हैं।
विशेषता | पुराना इनकम टैक्स एक्ट (1961) | नया इनकम टैक्स बिल (2024) |
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कुल सेक्शंस | 298 | 536 |
कुल पेज | 823 | 622 |
अनुमानित लागू तिथि | लागू | 1 अप्रैल, 2026 (संभावित) |
इस बदलाव का उद्देश्य कर प्रक्रिया को सरल बनाना और अनावश्यक जटिलताओं को हटाना है।
नई और पुरानी टैक्स रीजीम में कोई बदलाव नहीं
कुछ टैक्सपेयर्स को यह संदेह था कि नया इनकम टैक्स बिल आने से मौजूदा टैक्स रीजीम में बदलाव होगा। लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स ने स्पष्ट किया है कि नई और पुरानी टैक्स रीजीम दोनों जारी रहेंगी।
- करदाता अपनी सुविधा के अनुसार नई रीजीम (कम टैक्स दर, बिना डिडक्शन) या पुरानी रीजीम (अधिक टैक्स दर, डिडक्शन के साथ) में से किसी एक को चुन सकते हैं।
- कैपिटल गेन टैक्स के नियमों और दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।