New Expressway: एनसीआर में बनेगी 71 किलोमीटर 4 लेन सड़क, 4 नेशनल हाईवे समेत दर्जनों गांवों और इलाकों को भी होगा फायदा

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New Expressway: एनसीआर के शहरों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। हरियाणा सरकार ने पलवल, नूंह और गुरुग्राम जिलों में होडल-नूंह-पटौदी-पटोदा रोड को 71 किलोमीटर तक 4 लेन यानी होडल-नूंह-तावडू-बिलासपुर रोड बनाने को मंजूरी दे दी है। इस पर 616 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। बुधवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई स्थायी वित्त समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया।

बैठक में लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) मंत्री रणबीर गंगवा सहित वित्त विभाग, लोक निर्माण (भवन एवं सड़क), ऊर्जा विभाग तथा आवास विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

इसका उद्देश्य होडल-नूंह-पटौदी-पटौदी सड़क पर माल और यात्री यातायात दोनों की दक्षता बढ़ाना है। इस परियोजना से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा: दिल्ली-मथुरा-आगरा (एनएच-19), दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनई-4), गुरुग्राम-नूंह-राजस्थान (एनएच-248ए) और दिल्ली-जयपुर (एनएच-48)।

प्रस्तावित बदलाव से इस मार्ग पर स्थित कई गांवों को भी लाभ होगा। इनमें शामिल हैं- बिलासपुर, पथरेड़ी, अडबर, बावला, भाजलाका, बिवान, छारोदा, फतेहपुर, गोवरका, गुढ़ी, हुसैनपुर, जयसिंहपुर, झामुवास, कालिंजर, नूरपुर, पल्ला, रायपुरी, सतपुतियाका, सिलखो, सोंख, तेजपुर, उजिना, बहीन, भीमसिका , कोट, मलाई, नांगलजट, सौंदहद, उत्तरावर, शहर- नूह, होडल, तावडू जिला नूंह और पलवल.

मुख्यमंत्री ने सभी के लिए आवास विभाग को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सभी पात्र परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट उपलब्ध करवाए जाएं। बताया गया कि इस योजना के तहत प्लॉट के लिए 5 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया है।

परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश

बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को टेंडर आवंटन प्रक्रिया में बदलाव करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभाग ऑनलाइन बोली प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव करे ताकि ऑनलाइन माध्यम से टेंडर प्राप्त करने के बाद ठेकेदारों द्वारा प्रोजेक्ट छोड़ने या अयोग्य घोषित होने के कारण विकास परियोजनाओं में होने वाली अनावश्यक देरी को दूर किया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि नई प्रणाली के तहत यदि एल-1 (सबसे कम बोली लगाने वाला) किसी कारण से प्रोजेक्ट को बीच में छोड़ देता है तो ठेका स्वतः ही एल-2 बोली लगाने वाले को दे दिया जाना चाहिए, जो निर्धारित दरों पर कार्य पूरा करता है। उन्होंने कहा कि इससे कार्य की गति में काफी सुधार आएगा और यह सुनिश्चित होगा कि सभी परियोजनाएं बिना अनावश्यक देरी के पूरी हों।