नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के मुंबई में एक साथ कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इन योजनाओं में ठाणे और बोरीवली के बीच दो जुड़वां सुरंगों के साथ-साथ बीएमसी की गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड भी शामिल है। ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल मुंबई की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) ने 2015 में मंजूरी दी थी। नौ साल बाद अब इस पर काम शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुरंग का भूमि पूजन कर कार्य की आधारशिला रखेंगे।
यह जुड़वाँ सुरंग संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से गुजरेगी और बोरीवली में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और ठाणे में घोड़बंदर रोड के बीच सीधा संपर्क बनाएगी। वर्तमान में ठाणे और बोरीवली के बीच कोई सीधा संपर्क नहीं है। ठाणे घोड़बंदर रोड (SH-42) ईस्ट वेस्ट लिंक को जोड़ने वाली एक प्रमुख लिंक रोड है। इस पर भारी ट्रैफ़िक रहता है। ठाणे से बोरीवली की दूरी घोड़बंदर के ज़रिए 23 किलोमीटर है। सुबह और शाम के व्यस्त समय के दौरान, ठाणे से बोरीवली की दूरी तय करने में लगभग 1 से 1.5 घंटे लगते हैं।
यात्रा 12 मिनट में पूरी होगी
बोरीवली-ठाणे लिंक रोड के कारण ठाणे से बोरीवली तक की कुल यात्रा 12 किमी कम हो जाएगी। डेढ़ घंटे का सफर भी सिर्फ 12 मिनट में पूरा हो जाएगा। प्रस्तावित 2+2 लेन सुरंग की कुल लंबाई 11.80 किमी है। सुरंग का व्यास 12.2 मीटर (2 सुरंग, प्रत्येक में 2 लेन) है। सुरंग में हर 300 मीटर पर क्रॉस कनेक्शन लेन बनाई जाएगी। सुरंग में अग्निशामक यंत्र/पानी की नली, स्मोक डिटेक्टर, रेट्रो रिफ्लेक्टिव/एलईडी लाइट और साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। सुरंग की कुल 11.8 किमी लंबाई में से 8.76 किमी ठाणे जिले में और 7.4 किमी बोरीवली जिले में है।
वर्ष 2015 में दी गई थी स्वीकृति
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) ने 23 सितंबर 2015 को निदेशक मंडल की 150वीं बैठक में ठाणे शहर और बोरीवली के बीच एक जुड़वां ट्यूब सुरंग बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। MSRDC ने 11.04.2016 को इस परियोजना के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए मेसर्स एकोम एशिया कंपनी लिमिटेड को सलाहकार नियुक्त किया। 7 जुलाई 2020 को आयोजित एमएमआरडीए प्राधिकरण की बैठक में इस परियोजना को एमएसआरडीसी से मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई थी।
इसका कितना मूल्य होगा
10 मार्च 2023 को एमएसआरडीसी की 154वीं बैठक में परियोजना की अनुमानित निर्माण लागत ₹ 16600.40 करोड़ (भूमि अधिग्रहण सहित) को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) इस सुरंग का निर्माण करेगी।