नई टिहरी, 17 मई (हि.स.)। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसआरटी परिसर बादशाहीथौल में शुक्रवार को एक दिवसीय नई शिक्षा नीति कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. डीपी सकलानी ने कहा कि नई शिक्षा नीति विश्व में भारत को अग्रणी स्थान दिलाने के साथ ही भारत के विश्वगुरु बनने का रास्ता भी अग्रसर करेगी।
प्रो. सकलानी ने कहा कि आज जहां पूरे विश्व में नई शिक्षा नीति आरंभ होने से शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहे है, वहीं अब सभी राज्य के स्कूलों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों का कर्तव्य है कि इस शिक्षा नीति का अध्ययन कर इसके अनुरूप पाठ्यक्रमों को तैयार कर पाठ्य पुस्तकें बच्चों के लिए उपलब्ध करायें। नई शिक्षा नीति का लाभ नई पीढ़ी को तत्परता से देने का काम करें। शिक्षा के क्षेत्र में भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है। इसमें नई शिक्षा नीति की भूमिका अहम है। समय-समय पर इसमें बदलाव की भी आवश्यकता है। इसके लिए एनसीईआरटी पूरे देश में सेमिनारों और कार्यशालाओं के आयोजन में विभिन्न विषय विशेषज्ञों की मदद से विचार-विमर्श के साथ सुझाव देकर नई शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। नई शिक्षा नीति के आने वाले समय में असरदार प्रभाव होगा।
कार्यशाला में परिसर के निदेशक प्रो. एए बौड़ाई ने प्रो. सकलानी को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रो. सकलानी जैसे लोगों के मार्गदर्शन में काम तेजी से पूरे देश में किया जा रहा है। शिक्षा का नवाचार होना जरूरी है। इसके लिए नई शिक्षा नीति में व्यापक संभावनायें हैं।
इस अवसर पर कार्यशाला में प्रो. सुनीता गोदियाल, प्रो. डीएस कैंतुरा, डाॅ. विशाल गुलरिया, प्रो. एनके अग्रवाल ने भी नई शिक्षा नीति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन जितनी तेजी से किया जाये, उतना ही अच्छा है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुनीता गोदियाल ने किया।
इस मौके पर प्रो. जेएस जगवान, प्रो. बीना जोशी, प्रो. डीके शर्मा, प्रो. मनमोहन सिंह नेगी, डाॅ. केसी पेटवाल, डाॅ. यूएस नेगी, डाॅ. हंसराज विष्ट, डाॅ. हिमानी, डाॅ. सुमन लता, डाॅ. नवीर, डाॅ. प्रेम बहादुर, छात्र संघ अध्यक्ष अंशुल भंडारी, महासचिव नम्रता मखलोगा आदि मौजूद रहे।