महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी योग्यता का परचम लहरा रही हैं। उन्हीं क्षेत्रों में से एक है खनन उद्योग, जिसे लंबे समय तक पुरुष-प्रधान माना जाता था। इस धारणा को तोड़ते हुए, टाटा स्टील ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित नोआमुंडी लौह अयस्क खदान में देश की पहली महिला-केवल शिफ्ट की शुरुआत की है। यह पहल महिलाओं को खनन जैसे चुनौतीपूर्ण उद्योग में सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
नोआमुंडी खदान में महिलाओं की पहली शिफ्ट
टाटा स्टील की इस पहल के तहत, महिलाएं खदान में खनन कार्यों की पूरी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वे भारी मिट्टी हटाने वाली मशीनरी, फावड़े, लोडर, ड्रिल, डोजर ऑपरेटर और शिफ्ट सुपरवाइजर जैसे भूमिकाओं में सक्रिय हैं।
- कामकाज की शुरुआत:
- पिछले सोमवार को खान सुरक्षा उप महानिदेशक (एसई जोन, रांची) श्याम सुंदर प्रसाद ने इस महिला शिफ्ट को हरी झंडी दिखाई।
- यह सरकार के समान कार्यस्थल को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है।
- महत्वपूर्ण कदम:
2019 में, खान सुरक्षा महानिदेशक ने खनन में सभी शिफ्टों में महिलाओं की तैनाती की अनुमति देकर इस दिशा में एक नई राह खोली थी।
समान कार्यस्थल की ओर टाटा स्टील का संकल्प
टाटा स्टील ने इस पहल को महिलाओं के सशक्तिकरण और विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया है।
- कंपनी का दृष्टिकोण:
- कंपनी ने अपने बयान में कहा कि यह पहल समान कार्यस्थल बनाने और महिलाओं को पारंपरिक पुरुष-प्रधान उद्योगों में शामिल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
- टाटा स्टील की यह पहल भारतीय खनन उद्योग में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है।
- वुमेन@माइन्स पहल:
2019 में शुरू हुई यह पहल टाटा स्टील की प्रमुख विविधता योजनाओं में से एक है।- खनन अधिनियम, 1952 में छूट के बाद, टाटा स्टील भारत की पहली कंपनी बन गई जिसने सभी शिफ्टों में महिलाओं को तैनात किया।
भारतीय खनन उद्योग में ऐतिहासिक उपलब्धि
टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कच्चे माल) डीबी सुंदर रामम ने इसे भारतीय खनन उद्योग और कंपनी दोनों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया।
- महिलाओं की ताकत का प्रमाण:
यह पहल महिलाओं के लचीलेपन और रूढ़ियों को तोड़ने की क्षमता का जीता-जागता उदाहरण है। - विविधता और समावेशन का महत्व:
टाटा स्टील का मानना है कि विविधता और समावेशन नवाचार और परिचालन दक्षता को आगे बढ़ाने में सहायक हैं।
महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण
महिलाओं को खनन कार्यों में कुशल बनाने के लिए कंपनी ने व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए।
- भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया:
- स्थानीय समुदायों से महिलाओं की भर्ती की गई।
- उन्हें तकनीकी और परिचालन कौशल के अलावा सिम्युलेटर सत्र, सुरक्षा प्रोटोकॉल और शारीरिक फिटनेस का प्रशिक्षण दिया गया।
- प्रशिक्षण के बाद, महिलाएं डंपर, फावड़ा, डोजर, ग्रेडर और ड्रिल ऑपरेटर जैसी भूमिकाओं में तैनात की गईं।
- कार्यबल में शामिल होने का समय:
अप्रैल 2022 से इन महिलाओं ने खदानों में काम करना शुरू कर दिया।
महिलाओं की उपलब्धि का नया अध्याय
इस पहल ने खनन उद्योग में महिलाओं के लिए एक नई राह खोली है। टाटा स्टील की यह पहल न केवल उद्योग में समानता और समावेशन का प्रतीक है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके कौशल विकास की दिशा में एक प्रेरणा भी है।