बीएचयू में एक्स-रे टेक्नोलॉजिस्ट तैयार करने के लिए नया कोर्स शुरू, रेडियोथेरेपी में भी बदलाव

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) ने ‘बीएससी मेडिकल रेडियोलॉजी ऐंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी’ (BSc MRIT) कोर्स शुरू करने का फैसला किया है। रेडियोलॉजी विभाग में यह नया कोर्स प्रदेश में बीएचयू को तीसरा मेडिकल कॉलेज बनाएगा, जहां यह कोर्स संचालित होगा। इससे पहले यह कोर्स एसजीपीजीआई और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में चल रहा है।

‘बीएससी एमआरआईटी’ कोर्स की विशेषताएं

  • सीटों की संख्या:
    • शुरुआत में 15 सीटें होंगी।
    • भविष्य में इसे 40 सीटों तक बढ़ाया जाएगा।
  • अवधि:
    • कोर्स की कुल अवधि चार साल होगी।
    • तीन साल एकेडमिक और एक साल इंटर्नशिप।
  • योग्यता:
    • 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) में कम से कम 50% अंक।
  • प्रवेश प्रक्रिया:
    • प्रवेश कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के माध्यम से होगा।
  • सिखाई जाने वाली तकनीकें:
    • एक्स-रे, सीटी स्कैन, मेमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड, पीईटी स्कैन, और एमआरआई जैसी इमेजिंग तकनीकों का अध्ययन।

रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अमित नंदन धर द्विवेदी ने बताया कि यह कोर्स शुरू करने के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था।

सेल्फ-फाइनेंस कोर्स

  • यह एक सेल्फ-फाइनेंस कोर्स होगा।
  • सालाना फीस लगभग ₹50,000-₹55,000 के बीच होगी (अंतिम सहमति बाकी)।
  • चार साल में कुल 60 छात्र इस कोर्स से लाभान्वित होंगे।
  • कोर्स से बीएचयू में मानव संसाधन बढ़ेगा।

रेडियोथेरेपी में नया यूजी कोर्स: डिप्लोमा कोर्स होगा बंद

बीएचयू के रेडियोथेरेपी एंड रेडियो मेडिसिन विभाग में चल रहे ‘पीजी डिप्लोमा इन मेडिकल टेक्नोलॉजी रेडियोथेरेपी’ को बंद कर दिया जाएगा। इसकी जगह नया ‘बीएससी मेडिकल टेक्नोलॉजी इन रेडियोथेरेपी’ कोर्स शुरू किया जाएगा।

नए यूजी कोर्स की विशेषताएं:

  • शुरुआत का वर्ष:
    • 2007 में शुरू हुआ पीजी डिप्लोमा कोर्स अब बंद कर दिया जाएगा।
  • सीटें:
    • नए कोर्स में 17 सीटें होंगी।
    • इनमें से 2 सीटें विदेशी छात्रों के लिए आरक्षित होंगी।
  • अवधि:
    • कोर्स की कुल अवधि चार साल।
    • तीन साल एकेडमिक और एक साल इंटर्नशिप।
  • योग्यता:
    • पहले बीएससी के छात्रों को प्रवेश दिया जाता था।
    • अब 12वीं (PCB) के छात्र आवेदन कर सकेंगे।

रेडियोथेरेपी विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील चौधरी ने इस यूजी कोर्स को शुरू करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अब एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिल चुकी है।