बिहार की सियासत में नया अध्याय, नीतीश ही कप्तान, पर BJP बनी सबसे बड़ी ताकत, जानें कौन बना मंत्री
News India Live, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद आखिरकार नई सरकार की तस्वीर साफ हो गई है। आज पटना में राजभवन में आयोजित एक समारोह में नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण के साथ ही बिहार में एनडीए की नई सरकार ने औपचारिक रूप से कामकाज संभाल लिया है।
चुनाव नतीजों ने इस बार बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण बना दिया है। एनडीए गठबंधन ने 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 85 सीटें मिली हैं।
कौन बना मंत्री? बीजेपी का दिखा दबदबा
नई सरकार के मंत्रिमंडल में बीजेपी का दबदबा साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। आज नीतीश कुमार के साथ बीजेपी कोटे से सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में संजय सरावगी, कृष्ण कुमार मंटू, डॉ. सुनील कुमार, मोतीलाल प्रसाद, राजू कुमार सिंह, विजय कुमार मंडल और जिबेश कुमार शामिल हैं। इस विस्तार के बाद नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 36 मंत्री हो गए हैं। अभी जेडीयू और अन्य सहयोगी दलों के मंत्रियों के नाम और उनके विभागों का बंटवारा होना बाकी है, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
चिराग, मांझी और कुशवाहा की क्या होगी भूमिका?
इस चुनाव में एनडीए की जीत में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की 'हम' और उपेंद्र कुशवाहा की 'रालोमो' ने भी अहम भूमिका निभाई है। लोजपा (आर) ने 19, हम ने 5 और रालोमो ने 4 सीटें जीती हैं। सरकार गठन से पहले चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार से मुलाकात की थी और सरकार के स्वरूप पर चर्चा की थी। अब देखना यह होगा कि मंत्रिमंडल में इन सहयोगी दलों को कितनी और कौन सी जिम्मेदारियां मिलती हैं।
क्या नीतीश पूरा करेंगे कार्यकाल?
भले ही नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो गए हैं, लेकिन सियासी गलियारों में यह सवाल अब भी तैर रहा है कि क्या वह अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे? बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद यह माना जा रहा है कि सरकार के फैसलों पर उसका प्रभाव पहले से कहीं ज्यादा होगा। हालांकि, जदयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने साफ कर दिया है कि एनडीए एकजुट है और नीतीश कुमार ही पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे।
फिलहाल, बिहार की जनता को नई सरकार से विकास की ढेरों उम्मीदें हैं। अब यह देखना होगा कि यह 'डबल इंजन' की सरकार जनता की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।
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