NEET पेपर लीक मामला: भ्रष्टाचार में डूबी नरेंद्र मोदी सरकार में जब एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. कोर्ट ने आक्रामक रुख अपनाते हुए सरकार से कई जवाब मांगे हैं.
नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट यानी NEET परीक्षा रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोबारा परीक्षा पर तभी विचार किया जा सकता है जब यह साबित हो जाए कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी तब की जब उनकी अध्यक्षता वाली पीठ एनईईटी-यूजी आरई परीक्षा में कथित कदाचार और कदाचार से संबंधित 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुडा से कहा कि यह साबित होना चाहिए कि परीक्षा में इतने बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं.
जिसके चलते पूरी परीक्षा रद्द की जानी चाहिए. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 23 लाख अभ्यर्थियों में से सिर्फ 1 लाख को ही प्रवेश मिलेगा, हम बार-बार परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते. ठोस आधार पर ही दोबारा जांच होनी चाहिए।