डेंगू एक गंभीर मच्छर जनित बीमारी है जो भारत समेत कई देशों में हर साल मानसून के दौरान फैलती है। यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है और इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते शामिल हैं।
डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, इसलिए रोकथाम और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। नीम को पारंपरिक रूप से कई बीमारियों के खिलाफ मारक के रूप में उपयोग किया जाता है और यह डेंगू को रोकने में अत्यधिक फायदेमंद है।
नीम की पत्तियों का सेवन:
नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। डेंगू के दौरान नीम की पत्तियों का काढ़ा फायदेमंद होता है। इसके लिए 10-12 नीम की पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इसका रोजाना सेवन करें। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
नीम का तेल:
घर के आसपास नीम के तेल का छिड़काव करने से मच्छर दूर रहते हैं। मच्छरों के काटने के खतरे को कम करने के लिए आप अपनी त्वचा पर नारियल के तेल के साथ नीम का तेल लगा सकते हैं।
नीम के धुएँ का प्रयोग करें:
नीम की सूखी पत्तियां जलाकर घर के कोनों में उसका धुआं करें। यह मच्छरों को भगाने का एक पारंपरिक और प्रभावी तरीका है। इससे घर में मच्छरों की संख्या कम हो जाती है और डेंगू फैलने की संभावना कम हो जाती है।
नीम की चाय:
नीम की चाय का सेवन करने से डेंगू से बचाव होता है। नीम की चाय शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और खून को साफ रखने में मदद करती है, जिससे डेंगू जैसे वायरस से लड़ने में मदद मिलती है।