नेकां के घोषणापत्र में शंकराचार्य और हरिपर्बत पहाड़ियों के नाम बदलने के प्रस्ताव की निंदा की

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जम्मू, 21 अगस्त (हि.स.)। पूर्व एमएलसी और भाजपा प्रवक्ता गिरधारी लाल रैना ने 2024 के विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में शंकराचार्य और हरिपर्बत पहाड़ियों के नाम बदलने का प्रस्ताव करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस की तीखी आलोचना की है। रैना ने इस कदम को अत्याचारी करार दिया और नेकां पर कपट का आरोप लगाया। इस बात पर जोर देते हुए कि राजनीतिक एजेंडे के अनुरूप ऐतिहासिक नामों को नहीं बदला जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास करने वाली ऐसी रणनीति सफल होने की संभावना नहीं है और यह ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति नेकां के तिरस्कार को दर्शाती है।

रैना ने कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने के नेकां के हालिया वादे को भी सतही बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने 1996 के प्रस्ताव में समुदाय के शहीदों को मान्यता न देने के लिए एनसी की आलोचना की और आरक्षण नीतियों की समीक्षा करने के पार्टी के इरादे पर चिंता व्यक्त की। यह सवाल उठाते हुए कि क्या इससे हाशिए पर पड़े समूहों को दिए गए अधिकारों पर असर पड़ सकता है। रैना ने मतदाताओं से एनसी के इरादों को समझने और आगामी चुनावों में पार्टी को खारिज करने का आग्रह किया।