Naxalism : छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के घने जंगलों में पुलिस-नक्सली मुठभेड़, दो माओवादी ढेर, बड़ा ऑपरेशन अभी जारी
News India Live, Digital Desk: छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी है और इस बार सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है. राज्य के सबसे दुर्गम और घने इलाकों में से एक अबूझमाड़ (Abujhmarh) के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ (Encounter) हुई है, जिसमें दो माओवादी (Maoists) मारे गए हैं. इस कार्रवाई से क्षेत्र में सुरक्षा बलों का दबदबा और मजबूत हुआ है, और अच्छी बात यह है कि पूरा इलाका अभी भी घेरे में है, तलाशी अभियान अभी भी तेज़ी से जारी है.
तो आखिर क्या हुआ इस मुठभेड़ में, सुरक्षा बलों को क्या-क्या चुनौतियां मिलीं और कैसे ये ऑपरेशन नक्सलवाद पर भारी पड़ रहा है? आइए जानते हैं विस्तार से.
अबूझमाड़ के जंगलों में भीषण मुठभेड़:
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ पुलिस को अबूझमाड़ के उन घने जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता ख़बर मिली थी, जिन्हें माओवादियों का गढ़ माना जाता है. खुफिया इनपुट मिलते ही सुरक्षा बलों की टीम, जिसमें जिला पुलिस बल और अन्य यूनिट्स शामिल थीं, तुरंत अभियान पर निकली. जब सुरक्षा बल उस ठिकाने पर पहुँचे तो नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी.
दो माओवादी मारे गए, हथियार बरामद, ऑपरेशन जारी:
मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया. कई देर तक चली इस भीषण गोलीबारी में दो माओवादी ढेर हो गए. घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य नक्सल सामग्री भी बरामद हुई है. यह सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता है, क्योंकि अबूझमाड़ जैसे दुर्गम इलाके में घुसकर नक्सलियों को मार गिराना आसान नहीं होता. ख़बर लिखे जाने तक भी इस पूरे इलाके में तलाशी अभियान जारी है, ताकि कोई और नक्सली छुपा न हो और कोई आपत्तिजनक सामग्री छूटे नहीं.
सुरक्षा बलों की बहादुरी और रणनीति:
यह सफल ऑपरेशन छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों की बहादुरी, बेहतरीन रणनीति और समर्पण को दर्शाता है. अबूझमाड़ का इलाका घने जंगलों, पहाड़ियों और दलदली भूमि से भरा हुआ है, जिससे यहाँ ऑपरेशन्स चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में यह कार्रवाई सुरक्षा बलों के उच्च प्रशिक्षण और नक्सलियों पर लगाम लगाने के उनके दृढ़ संकल्प को दिखाती है.
इस मुठभेड़ से न सिर्फ नक्सलियों की कमर टूटेगी, बल्कि इससे स्थानीय आदिवासियों को भी इन चरमपंथियों के आतंक से कुछ हद तक राहत मिलेगी. सुरक्षा बल लगातार इन इलाकों में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि यहाँ के लोग भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें.
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