नौसेना एंटी शिप मिसाइल: डीआरडीओ ने स्वदेशी रूप से विकसित इमेजिंग इंफ्रा-रेड सीकर का इस्तेमाल किया

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डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से पहली बार नौसेना एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस मिसाइल का परीक्षण 25 फरवरी को नौसेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से किया गया था। मिसाइल ने छोटे जहाज के लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया, जो मिसाइल की मैन-इन-द-लूप विशेषता की सफलता को भी सिद्ध करता है।

मिसाइल की विशेषताएं

मिसाइल के टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित स्वदेशी इमेजिंग इन्फ्रा-रेड सीकर का उपयोग किया गया। उच्च बैंडविड्थ दो-तरफ़ा डेटा लिंक प्रणाली का परीक्षण भी सफल रहा, जो पायलट को लक्ष्य की लाइव तस्वीरें देता है, जिससे सटीक निशाना लगाना संभव होता है। मिसाइल को ‘लॉन्च के बाद केवल बेयरिंग लॉक-ऑन’ मोड में प्रक्षेपित किया गया, जिसमें एकाधिक लक्ष्यों में से एक का चयन करने की क्षमता है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने एक बड़े लक्ष्य पर प्रहार किया, लेकिन अंतिम चरण में पायलट ने एक छोटे छिपे हुए लक्ष्य का चयन किया, जिसे अत्यंत सटीकता के साथ मारा गया।

स्वदेशी उपकरणों का उपयोग

इस मिसाइल में स्वदेशी फाइबर ऑप्टिक जाइरोस्कोप आधारित आईएनएस, रेडियो अल्टीमीटर, वायुगतिकीय और जेट वेन नियंत्रण के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एटेन्यूएटर्स, थर्मल बैटरी और पीसीबी वारहेड का उपयोग किया गया है। इस मिसाइल को अनुसंधान केंद्र इमारत, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला और टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला सहित विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।