Navratri : माँ सती का वो अंग जहाँ गिरा, आज वहां पूरी होती है हर मुराद, जानें बेल्हा माई के इस मंदिर का रहस्य

Post

News India Live, Digital Desk: भारत की धरती चमत्कारों और आस्था की कहानियों से भरी पड़ी है। यहाँ के हर मंदिर के पीछे एक ऐसी कहानी जुड़ी है, जो लोगों की श्रद्धा को और भी मजबूत कर देती है। ऐसी ही एक कहानी है उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित माँ बेल्हा देवी के मंदिर की, जो सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि 51 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख स्थान है।

क्या है इस मंदिर की चमत्कारी कहानी?

इस मंदिर का सीधा संबंध माता सती और भगवान शिव की उस पौराणिक कथा से है, जिसे सुनकर आज भी मन श्रद्धा से भर जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवी सती ने अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति भगवान शिव का अपमान सहन न कर पाने के कारण खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया था, तब भगवान शिव क्रोध और वियोग में उनके मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे थे।

इस स्थिति को देखकर सृष्टि का संतुलन बिगड़ने लगा। तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए। ये टुकड़े पृथ्वी पर जहाँ-जहाँ गिरे, वो स्थान आज 'शक्तिपीठ' के नाम से जाने जाते हैं।

यहाँ क्यों पड़ा 'बेल्हा' नाम?

मान्यता है कि प्रतापगढ़ की इसी पावन धरती पर, साई नदी के किनारे माता सती की 'कमर' यानी 'बेला' का हिस्सा गिरा था। 'बेला' गिरने के कारण ही इस स्थान का नाम पहले 'बेला' और फिर धीरे-धीरे बदलकर 'बेल्हा' पड़ गया और यहाँ विराजमान देवी 'बेल्हा माई' के नाम से प्रसिद्ध हो गईं।

लोगों की आस्था का केंद्र

बेल्हा देवी मंदिर को लेकर लोगों में गहरी आस्था है। भक्तों का मानना है कि जो कोई भी सच्चे मन से माँ के दरबार में आता है, उसकी झोली कभी खाली नहीं रहती। माँ अपने हर भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं।

  • संतान प्राप्ति का वरदान: यह मंदिर उन निसंतान दंपत्तियों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है जो संतान सुख की कामना रखते हैं।
  • रोगों से मुक्ति: ऐसी भी मान्यता है कि माँ के दर्शन मात्र से भक्तों के दुख और रोग दूर हो जाते हैं।
  • नवरात्रि में लगता है मेला: खासकर नवरात्रि के नौ दिनों में तो यहाँ भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। दूर-दूर से लोग माँ के दर्शन करने और अपनी मन्नतें मांगने आते हैं।

यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और चमत्कारों की एक जीती-जागती मिसाल है, जो हमें हमारी पौराणिक कथाओं से जोड़े रखता है।

--Advertisement--