भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का खराब फॉर्म चर्चा का विषय बना हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में रोहित को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया, जिससे क्रिकेट जगत में हलचल मच गई। पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने इस फैसले को गलत करार देते हुए इसे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में “अजीब” घटना बताया।
सिद्धू ने जताई नाराजगी और दी मिसाल
नवजोत सिंह सिद्धू ने रोहित शर्मा के टीम से बाहर होने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मार्क टेलर और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे कप्तानों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि खराब फॉर्म के बावजूद, इन कप्तानों को उनके पद से नहीं हटाया गया था।
- सिद्धू का बयान:
“किसी कप्तान को बीच में नहीं हटाना चाहिए, न ही उसे बाहर बैठने का विकल्प दिया जाना चाहिए। यह टीम और प्रबंधन से गलत संकेत देता है।” - वीडियो संदेश में कहा:
“रोहित शर्मा जैसे महान खिलाड़ी को बाहर रखना अजीब और असामान्य है। कप्तान का फॉर्म चाहे अच्छा हो या खराब, उसे बाहर नहीं बैठाया जाना चाहिए।”
भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ
सिद्धू ने रोहित शर्मा के बाहर होने को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुई घटना बताया। उन्होंने कहा:
- “भारतीय क्रिकेट में यह पहला मौका है जब एक कप्तान को खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर किया गया है। यह विचित्र और अस्वीकार्य है।”
- उन्होंने यह भी जोड़ा कि रोहित शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ी को प्रबंधन से अधिक सम्मान और विश्वास मिलना चाहिए था।
रोहित शर्मा का खराब फॉर्म और उनकी जगह शुभमन गिल की एंट्री
पांचवें टेस्ट में रोहित शर्मा की जगह शुभमन गिल को अंतिम एकादश में शामिल किया गया।
- रोहित का प्रदर्शन:
- पांच पारियों में सिर्फ 31 रन।
- अपने चिर-परिचित शॉट्स खेलने में असमर्थ।
- शुभमन गिल:
- शानदार फॉर्म में चल रहे युवा खिलाड़ी।
- इस ‘करो या मरो’ वाले मैच में टीम प्रबंधन ने गिल पर भरोसा जताया।
पूर्व क्रिकेटरों की प्रतिक्रियाएं
रोहित शर्मा को बाहर रखने के फैसले पर अन्य पूर्व क्रिकेटरों ने भी सवाल उठाए:
- सौरव गांगुली:
- “कप्तान को फॉर्म के आधार पर हटाना टीम के मनोबल पर असर डाल सकता है।”
- वीरेंद्र सहवाग:
- “रोहित जैसे अनुभवी खिलाड़ी को बैक करना जरूरी था।”