ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सत्ता गंवाने के बाद पहली बार बीजू जनता दल (बीजेडी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पार्टी की हार पर खुलकर बयान दिया। बीजेडी के 28वें स्थापना दिवस पर पटनायक ने भाजपा पर झूठे वादे, झूठी कहानियां और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई।
चुनावी परिणाम और भाजपा पर आरोप
2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया, जबकि बीजेडी 51 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस को केवल 14 सीटें मिलीं। नवीन पटनायक ने कहा कि भाजपा को बीजेडी से कम वोट मिले, लेकिन पार्टी भाजपा के झूठे प्रचार और सोशल मीडिया अभियान का प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं कर सकी।
पटनायक ने कहा, “हमने जनता का विश्वास नहीं खोया है। भाजपा ने झूठ बोलकर, झूठे वादे करके और लोगों को गुमराह करके यह चुनाव जीता। हमारी गलती यह थी कि हम उनके झूठ का प्रभावी ढंग से जवाब नहीं दे सके।”
सोशल मीडिया पर सक्रिय होने की सलाह
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पटनायक ने सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय होने और भाजपा के झूठे प्रचार का करारा जवाब देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बीजेडी को भविष्य में भाजपा के नकारात्मक अभियानों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
ईवीएम में गड़बड़ी और मतपत्रों की मांग
ईवीएम में कथित गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए पटनायक ने चुनाव आयोग से इसकी जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी मतपत्रों से चुनाव कराने के पक्ष में है। यदि ईवीएम में कुछ गड़बड़ी नहीं है, तो भाजपा इससे चिंतित क्यों हो रही है?”
डॉ. बीआर आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर भाजपा पर हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. बीआर आंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पटनायक ने इसे “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा, “डॉ. आंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्व पर इस तरह की टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है।”
‘एक देश, एक चुनाव’ पर बीजेडी का रुख
पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर अभी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेडी प्रस्तावित व्यवस्था के तौर-तरीकों की समीक्षा कर रही है और जल्द ही इस पर अपना रुख स्पष्ट करेगी।
उत्तराधिकारी पर चुप्पी
अपनी राजनीतिक विरासत और उत्तराधिकारी के सवाल पर पटनायक ने कहा, “मैं लंबे समय से राजनीति में हूं, लेकिन इस बारे में अभी तक नहीं सोचा है।”
इस बयान के साथ, नवीन पटनायक ने हार के कारणों पर चर्चा करते हुए अपनी पार्टी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की कोशिश की है। बीजेडी अब भाजपा के खिलाफ एक नई रणनीति बनाने की ओर बढ़ रही है।