वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की बनी पहचान : निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया

92a5b40c418624a48448984497ed57cd

कानपुर, 04 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान अपने स्थापना के समय से ही भारतीय चीनी उद्योग के क्षेत्र में तकनीकी परिदृश्य को नई ऊंचाई और आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। इसके साथ ही यह संस्थान लगातार तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है और गन्ने की उपज बढ़ाने एवं उन्नत प्रसंस्करण तकनीकियों के विकास पर काम किया है। यह संस्थान आज न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपने योगदान के लिए पहचाना जाता है। यह बातें शुक्रवार को कानपुर पहुंची राज्य मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया ने राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के 89वें स्थापना दिवस समारोह में कही।

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने शुक्रवार को अपना 89वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया। स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया, संगीत जी, निदेशक (शर्करा) तथा राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की निदेशक प्रोफेसर डॉ. सीमा परोहा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम का उद्देश्य उन प्रमुख किसानों, शर्करा एवं आसवनी उद्योग-विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों को सम्मानित करना था, जिन्होंने भारतीय चीनी उद्योग के विकास और आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपनी स्थापना के समय से ही शर्करा प्रौद्योगिकी और संबंधित अनुसंधान के लिए समर्पित देश के प्रमुख संस्थान के रुप में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान इस क्षेत्र में नवाचार, प्रशिक्षण और विकास का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया ने संस्थान के अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विशेष रुप से एथेनॉल उत्पादन और जैव–ईंधन के क्षेत्र मे संस्थान के उन कार्यों का उल्लेख किया, जिनमें सरकार के भविष्य के स्वच्छ और हरित ऊर्जा के दृष्टिकोण समाहित है।

किसानों और उद्यमियों को किया गया सम्मानित

आगे कहा​ कि अपनी स्थापना के समय से ही राष्ट्रीय शर्करा संस्थान भारतीय चीनी उद्योग के क्षेत्र में तकनीकी परिदृश्य को नई ऊंचाई और आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की निदेशक डॉ. सीमा परोहा की नेतृत्व क्षमता एवं कौशल की सराहना करते हुए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की पूरी टीम के अथक प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। संगीत जी निदेशक (शर्करा) ने कहा कि आज के इस अवसर पर शर्करा से पुरस्कार प्राप्त करने वाले उद्यमी इस बात का प्रमाण हैं कि संस्थान से निकले प्रतिभावान छात्र-छात्राओं ने उत्कृष्ट कार्य सम्पादन से संस्थान का नाम रोशन किया है। उन्होंने जैव ईंधन तथा इथेनॉल से सबंधित क्षेत्र में संस्थान के प्रयासों की सराहना की। मुख्य अतिथि ने अग्रणी किसानों और उद्योग विशेषज्ञों को उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों जैसे तकनीकी सत्र, प्रदर्शनी एवं छात्र-वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान केन्द्रीय राज्य मंत्री ने वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच टिशू-कल्चर लैब का भी शिलान्यास किया।

12 देशों के साथ हुआ समझौता

स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की निदेशक डॉ.सीमा परोहा ने बताया कि चीनी उद्योग में तकनीक की दृष्टि से बेहतर संस्थानों से बराबर संपर्क किया जा रहा है। अब तक विश्व के लगभग 12 देशों के साथ परामर्श एवं प्रशिक्षण के संबंध में समझौता हो चुका है। इसके साथ ही उन्होंने आईआईटी कानपुर के साथ समझौता ज्ञापन होने तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की दिशा में संस्थान के बढ़ते हुए कदमों की जानकारी दी। इस दौरान अखिलेश कुमार पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार त्रिवेदी, अशोक कुमार गर्ग, डॉ. अशोक कुमार, संजय चौहान, अनूप कनौजिया, डॉ. विनय कुमार, वीरेंद्र कुमार, डॉ. अनंतलक्ष्मी, एम. मंडल, अनूप कनौजिया एवं बृजेश कुमार साहू सहित अन्य अधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।