NPS वात्सल्य योजना: नेशनल पेंशन सिस्टम सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक अंशदायी पेंशन योजना है, जिससे रिटायरमेंट के बाद भी आय सुनिश्चित की जा सके। इस योजना के तहत आपको कामकाजी जीवन में लंबी अवधि के लिए निवेश करना होता है। लेकिन अब माता-पिता भी बच्चों के नाम पर इस योजना में निवेश कर सकेंगे। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश करते हुए ‘एनपीएस वात्सल्य योजना’ की घोषणा की है। साथ ही नियोक्ता का योगदान 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है।
एनपीएस एक बाजार से जुड़ी योजना है
आपको बता दें कि रिटायरमेंट प्लान के लिहाज से फिलहाल चलाई जा रही यह स्कीम मार्केट लिंक्ड स्कीम है। पहले यह स्कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन साल 2009 के बाद सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नेशनल पेंशन स्कीम शुरू कर दी। इसमें दो तरह से पैसा लगाया जाता है। पहला टियर-1 और टियर-2।
पैसा दो भागों में जमा किया जाता है
एनपीएस टियर-1 रिटायरमेंट अकाउंट है, जबकि टियर-2 स्वैच्छिक खाता है। खाता खुलवाते समय आपको टियर 1 में 500 रुपए निवेश करने होते हैं। इसके बाद टियर 2 में 1000 रुपए डालने होते हैं। यह योगदान आपको हर वित्तीय वर्ष में हर हाल में करना होता है। रिटायरमेंट के समय आप एनपीएस में जमा कुल रकम का 60 फीसदी एकमुश्त निकाल सकते हैं, जबकि बाकी 40 फीसदी रकम पेंशन स्कीम में जाती है। एनपीएस में निवेश की कोई सीमा नहीं है। एन्युटी की रकम 40 फीसदी जितनी ज्यादा होगी, बुढ़ापे में आपकी पेंशन उतनी ही अच्छी होगी।