नासा अपने यूरोपा क्लिपर मिशन के साथ हिंदी में एक प्रतीकात्मक जल शब्द भेजेगा

वाशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह यूरोपा के उपग्रह को हिंदी में एक प्रतीकात्मक संदेश भेजेगी। हिंदी में यह संदेश नासा के यूरोपा क्लिपर मिशन के साथ भेजा जाएगा।

हिंदी में लिखा एक प्रतीकात्मक संदेश टैंटलम नामक धातु की 7 गुणा 11 इंच की विशेष रूप से निर्मित प्लेट पर उकेरा गया है। यह धातु की प्लेट नासा के यूरोपा क्लिपर मिशन पर लगाई गई है। यूरोपा उपग्रह की विशेष खोज के लिए यूरोपा क्लिपर मिशन (अंतरिक्ष यान) अक्टूबर 2024 में लॉन्च होगा। यूरोपा क्लिपर मिशन का मुख्य उद्देश्य बृहस्पति के बड़े चंद्रमा यूरोपा की उपसतह में भविष्य के जीवन की संभावना की जांच करना है।

 नासा के सूत्रों ने जानकारी दी है कि हम यूरोपा क्लिपर मिशन के जरिए हिंदी समेत दुनिया की 103 भाषाओं में पानी शब्द लिखकर एक संदेश भेजेंगे। ऐसे संदेश दुनिया भर से एकत्र किये जाते हैं। विश्व के विशेषज्ञ खगोलशास्त्रियों के व्यापक शोध एवं अध्ययन के आधार पर यह पाया गया है कि यूरोपा सिलिकेट चट्टान से बना है। इन सिलिकेट चट्टानों के साथ-साथ बर्फ भी प्रचुर मात्रा में है। बर्फ की चट्टानी सतह के नीचे एक विशाल महासागर के भी पुख्ता सबूत हैं। इस साक्ष्य के अनुसार यूरोपा के अंतर्गत इस महासागर का जल स्तर पृथ्वी पर मौजूद सभी महासागरों के जल स्तर से दोगुने से भी अधिक है। हालाँकि, यूरोपा का भूमिगत महासागर खारे पानी का है। पृथ्वी पर बहने वाला और पीने योग्य पानी नहीं है। 

नासा के सूत्रों ने यह भी बताया है कि ऐसे संदेशों की ऑडियो फाइलों को तरंग रूपों में बदल दिया गया है। ये वही तरंग रूप अमेरिकी सांकेतिक भाषा में पानी शब्द का प्रतिनिधित्व करेंगे। उस प्लेट पर तरंगों में से एक शब्द जल है। वॉटर यानी जल को हिंदी में पानी कहा जाता है।

यूरोपा क्लिपर मिशन के साथ ऐसा संदेश भेजने का विचार नासा के वोयाजर मिशन के साथ भेजे गए गोल्डन रिकॉर्ड के संदर्भ से आया। वॉयेजर अंतरिक्ष यान अब हमारे सौर मंडल की सीमाओं से आगे निकल चुका है। 

नासा के प्लैनेटरी साइंस डिवीजन के निदेशक लोरी ग्लेज़ ने जानकारी दी है कि यूरोपा क्लिपर मिशन के साथ, यूरोपा उपग्रह के बारे में अमेरिकी कवि एडा लिमन की कविता: इन प्राइज़ ऑफ मिस्ट्री: ए पोएम फॉर यूरोपा, भी ऐसे संदेश के साथ भेजी जाएगी। इसके अलावा, दुनिया भर के 2.6 मिलियन से अधिक नागरिकों के नाम सिलिकॉन माइक्रोचिप में शामिल किए गए हैं।

  *बृहस्पति के उपग्रह यूरोपा की विशेषताएँ एवं विशेषताएँ: 

*बृहस्पति हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा और सबसे विशाल ग्रह है। आश्चर्य की बात यह है कि बृहस्पति के कुल 95 उपग्रह हैं। इनमें से चार प्रमुख और प्रमुख उपग्रह गेनीमेड, कैलिस्टो, आयो, यूरोपा हैं। 

 * बृहस्पति के चार मुख्य और बड़े चंद्रमाओं में से यूरोपा सबसे छोटा है। 

  * यूरोपा की खोज 8 जनवरी, 1610 को महान इतालवी खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली और साइमन मारियस ने की थी। यह आकार में पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा छोटा है।

* यूरोपा का भूमिगत महासागर खारे पानी का है।   

*यूरोप का वातावरण बहुत पतला है। हालाँकि, इसके वायुमंडलीय घटकों में कुछ ऑक्सीजन भी होती है।

 * यूरोपा के बेहद चिकने चट्टानी इलाके में भी कुछ उल्कापिंड हैं।