श्रीमद भागवत कथा में भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया

जम्मू, 9 मई (हि.स.)। गंग्याल भगवान परशुराम मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के 6वें दिन श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का बखान किया गया। श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास आचार्य जोगेन्द्र जी महाराज ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। 6वें दिन कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर माँ देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास आचार्य जोगेन्द्र महाराज ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र (सखा) से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे। द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना। प्रभु सुदामा-सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे। सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया-कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया।

इस अंश को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की, वहीं आज शुक्रवार को कथा सुबह 9 बजे शुरू की जाएगी जिसके बाद गंग्याल स्तिथ परशुराम मंदिर से भगवान परशुराम की एक विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी, ब्राह्मण सभा के चेयरमैन केके शर्मा संजोयक सतीश शर्मा, व अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि शोभायात्रा मंदिर से शुरू होगी और राजपूत मोहल्ला से होकर मेन रोड़ से गुजरने के बाद मोहल्ला पेट्रोल पंप वाली गली ओर मिलन चौक से होकर सेक्टर चार, तीन ,दो और एक से होती हुई वापिस मंदिर में समाप्त होगी। सदस्यों के अनुसार शोभायात्रा की सारी तैयारियां कर ली गई ही। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा के बाद आरती होगी और भगवत कथा की सम्पत्ति के विशाल भांडरे के साथ कि जाएगी।