नारनाैल, 27 नवंबर (हि.स.)। जिला में लगभग तीन हजार बेसहारा गोवंश है। नगर परिषद तथा पंचायत विभाग इन्हें जल्द से जल्द गौशालाओं में भिजवाने का प्रबंध करें। उपायुक्त डॉ विवेक भारती बुधवार को लघु सचिवालय में पशु क्रूरता निवारण समिति तथा बेसहारा गोवंश पुनर्वास योजना को लेकर बुलाई अधिकारियों व गौशाला संचालकों की बैठक में बोल रहे थे। इस मौके पर सभी गौशाला संचालकों ने जिला प्रशासन को अपनी गौशालाओं में 3625 गोवंश को रखने की सहमति दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तथा हरियाणा गो सेवा आयोग का फोकस गौवंश के संरक्षण और संवर्धन पर है। ऐसे में अधिकारी तथा गौशाला संचालक मिलकर बेसहारा गोवंश की समस्या का समाधान निकालें। डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अब फसलों की बिजाई हो चुकी है। ऐसे में किसानों को नुकसान से बचाने के लिए जरूरी है कि सभी बेसहारा पशुओं को गौशालाओं में भेजा जाए।
उपायुक्त ने बताया कि अगर सभी गौशालाएं इन बेसहारा पशुओं को अपने यहां आश्रय देंगे तो जिला बेसहारा पशु मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला में 22 गौशालाएं पंजीकृत हैं जिनमें 18 हजार 595 पशु हैंं। इसके अलावा लगभग आठ गौशालाएं गैर पंजीकृत भी हैं। उपायुक्त ने सभी पंजीकृत गौशाला संचालकों से आह्वान किया कि वे बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए प्रति पशु मिलने वाली एकमुश्त सात हजार रुपए की सहायता राशि के लिए पोर्टल पर अप्लाई करें। इस राशि से गौशालाओं में ढांचागत सुविधा तैयार कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा गो सेवा आयोग की तरफ से इस एकमुश्त राशि के अलावा प्रति पशु हर रोज के लिए चारा के लिए भी राशि दी जाती है। एक वर्ष से कम आयु के पशु के लिए 20 रुपए, एक वर्ष से अधिक आयु के पशु के लिए 30 रुपए तथा नंदी के लिए 40 रुपए प्रतिदिन दिए जाते हैं।
इस मौके पर उपायुक्त ने गौवंश के लिए चिकित्सा सुविधाओं का प्रबंधन, और अन्य कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बेजुबान पशुओं पर किसी भी प्रकार की क्रुरता नहीं होनी चाहिए। इस बैठक में डीडीए पशुपालन डॉ चंद्रभान व गौशाला संचालकों के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।