नारनौलः महात्मा गाँधी का जीवन प्रेरणा का स्रोतः सुरेश जैन

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नारनाैल, 1 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) महेंद्रगढ़ में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में गाँधी बहुआयामी व्यक्तित्व के साथ एक संत विषय पर केंद्रित राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन मंगलवार काे किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत विकास परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन तथा विशिष्ट अतिथि की भूमिका में विश्वविद्यालय की प्रथम महिला व विज्ञान भारती हरियाणा की उपाध्यक्ष प्रो. सुनीता श्रीवास्तव मौजूद रहीं।

भारत विकास परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन ने कहा कि आज का दिन अंतर्मुखी होकर सीखने का दिन है।

महात्मा गांधी एक सदी पुरुष थे। किसी भी देश के इतिहास में कई सौ वर्षों में ऐसे व्यक्तित्व का जन्म होता है जोकि देवतुल्य विचारों वाला हो। सुरेश जैन ने अपने संबोधन में कहा कि गाँधी जी बाल्य जीवन से ही एक संत के रूप में सत्य को धारण किए हुए थे। उन्होंने सदैव सत्य व अहिंसा का अनुसरण किया और इसे सर्वप्रथम स्वयं पर लागू किया। गाँधी जी ने ऐसा विमर्श तैयार किया जिसके परिणाम स्वरूप ग्राम विकास, शोषितों को सक्षम बनाने, दलितों के प्रति हीन भाव को खत्म करने, स्वदेशी का उपयोग करते हुए समाज को श्रेष्ठ, संस्कारित व आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्होंने युवाओं की भूमिका को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार नीति निर्माण कर सकती है लेकिन इसका सफलतम क्रियान्वयन और इसके माध्यम से बदलाव युवा शक्ति के संकल्प से ही आएगा। जहाँ तक बात भारत भूमि की है तो यह बेहद क्षमतावान है और हमारी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती है।

उन्होंने अपने वक्तव्य के अंत में महात्मा गाँधी को संत बताया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोण् टंकेश्वर कुमार ने विद्यार्थियों व शिक्षकों द्वारा आयोजित इस सेमिनार और इसमें सम्मिलित मुख्य अतिथि के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई में महात्मा गाँधी और उनके विचार उस कालखंड की आवश्यकता थे। कुलपति ने भगवान श्रीरामए श्री कृष्ण का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने भी उनके समय के अनुरूप आचरण कर अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आज के समय में भी जरूरी है कि हम समझें कि कैसे भारत विकसित होगा और इस विकास का लाभ अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुँचेगा। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व समकुलपति प्रो. सुषमा यादव भी मौजूद रहे। इस मौके पर विश्वविद्यालय में स्वच्छता के लिए प्रयासरत स्वच्छता सहयोगियों को सम्मानित किया गया।