हरियाणा में खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी होंगे नए सीएम, बीजेपी को फिर झटका, आज शाम 5 बजे शपथ ग्रहण

हरियाणा की राजनीति : हरियाणा की राजनीति में आज काफी उथल-पुथल मची हुई है। बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (जेपीपी) के बीच गठबंधन टूटने के बाद आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी ने दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों को भी अपने साथ जोड़ लिया है और नई सरकार बनाने की तैयारी के साथ-साथ नए मुख्यमंत्री नायब सैनी पर भी मुहर लगा दी है, जो आज शाम 5 बजे नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. इस प्रकार आज प्रदेश की राजनीति में चार बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. आज बीजेपी की नई सरकार का गठन हो जाएगा, हालांकि नई सरकार के सामने कई चुनौतियां बनी हुई हैं. राज्य में सरकार बनाने के लिए कुल 46 विधायकों की जरूरत है. बीजेपी ने ये जादुई आंकड़ा भी हासिल कर लिया है. हालांकि, राज्य का सीटों का गणित एक बार फिर बीजेपी सरकार को मुश्किल में डाल सकता है.

 

 

सीट बंटवारे पर विवाद के बाद गठबंधन टूट गया

प्राप्त खबरों के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2024 में सीट बंटवारे को लेकर विवाद के चलते बीजेपी और जेपीपी के बीच गठबंधन टूट गया है. हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस बीच उन्होंने एक से दो सीटें मांगीं. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी आलाकमान ने उनसे कहा कि उन्हें गठबंधन के भविष्य के विचार के बारे में बताया जाएगा. 

हरियाणा विधानसभा गणित

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. इन 90 सीटों में से 41 सीटें बीजेपी के पास हैं. कांग्रेस के पास 30 सीटें, इंडियन नेशनल लोकदल के पास 10 सीटें, हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक और निर्दलीय के पास छह सीटें हैं. हरियाणा में बहुमत के लिए 46 विधायकों की जरूरत है. हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. उस समय बीजेपी को 41 और जेजेपी को 10 सीटें मिली थीं.

…तो नई बीजेपी सरकार पर फिर खतरा!

राज्य को सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है, 41 सीटों वाली बीजेपी को एलएचपी के एक विधायक और सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में बीजेपी की कुल ताकत 48 पर पहुंच गई है. गठबंधन टूटने के बाद जेपीपी बीजेपी सरकार को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती. हालांकि, बीजेपी बहुमत के करीब है और अगर तीन निर्दलीय विधायक बच गए तो बीजेपी सरकार एक बार फिर खतरे में पड़ सकती है.