नागपुर में हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही करवाई जाएगी। अगर वे भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाया जाएगा।
फडणवीस ने इस मामले में 104 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, और उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आगे भी गिरफ्तारियां जारी रहेंगी।
दंगाइयों की संपत्ति होगी जब्त, जरूरत पड़ी तो चलेगा बुलडोजर
मुख्यमंत्री फडणवीस ने दो टूक कहा कि हिंसा फैलाने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
-
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी।
-
अगर वे जुर्माने का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त होगी।
-
आवश्यकता पड़ने पर उनके खिलाफ बुलडोजर एक्शन भी लिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ी, अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई
फडणवीस ने बताया कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट फैलाने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा।
-
अब तक 68 सोशल मीडिया पोस्ट की पहचान कर उन्हें डिलीट किया गया।
-
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-
सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर और गिरफ्तारियां होंगी।
क्या इस हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है?
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि इस हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों या बांग्लादेशी लिंक का हाथ हो सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री फडणवीस ने इन सभी अटकलों को खारिज कर दिया।
“इस हिंसा में किसी विदेशी ताकत या बांग्लादेशी लिंक का हाथ नहीं है। न ही इसमें कोई राजनीतिक एंगल सामने आया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि खुफिया तंत्र पूरी तरह से सक्रिय था, लेकिन इसे और मजबूत किया जा सकता था।
महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की अफवाह खारिज
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ हुई। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस दावे को गलत करार दिया।
-
महिला पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी हुई, लेकिन छेड़छाड़ की कोई घटना नहीं हुई।
-
उन्होंने झूठी अफवाहें फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
कैसे भड़की थी नागपुर हिंसा?
17 मार्च को नागपुर के कई इलाकों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं।
-
यह हिंसा छत्रपति संभाजी नगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हुई।
-
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रदर्शन के दौरान धार्मिक लेख वाली चादर जलाने की अफवाह फैली।
-
इसके बाद हिंसा भड़क गई और कई इलाकों में पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं।