क्या इजरायली हमले से पहले ईरान ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था? रहस्यमय भूकंप ने अटकलों को हवा दे दी

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ईरान में आए रहस्यमयी भूकंप ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. अब अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या ये वाकई भूकंप था या फिर ईरान ने पहली बार परमाणु बम का परीक्षण किया है. हालांकि, अभी तक ईरान ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 5 अक्टूबर की रात ईरान के सेमनान प्रांत में 4.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था.

ईरान में भी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया,
अब सोशल मीडिया पर अटकलों का दौर जारी है. अटकलें हैं कि इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया है. हालाँकि, इस विषय पर ईरान में भी चर्चा जारी है। तेहरान यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स ने बताया कि भूकंप 12 किलोमीटर की गहराई पर आया.

भूकंप का ग्राफ कई सोशल मीडिया पोस्ट पर भी शेयर किया गया है. जिसमें ये दिखाने की कोशिश की गई है कि ईरान का भूकंप का ग्राफ परमाणु परीक्षण के ग्राफ से मेल खाता है. हालाँकि, अभी तक ईरान ने न तो आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है और न ही खंडन किया है।

ईरान का परमाणु कार्यक्रम बहुत आगे
अमेरिकी थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन ने एक रिपोर्ट में कहा कि ईरान उम्मीद से ज्यादा तेजी से परमाणु बम बनाने में सक्षम है. इस साल मई में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी के सलाहकार कमल खर्राजी ने कहा था कि ईरान पर अपने परमाणु सिद्धांत को बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने कहा, हमने परमाणु बम बनाने का कोई फैसला नहीं लिया है. लेकिन अगर ईरान के अस्तित्व को खतरा है तो हमें अपना सैन्य सिद्धांत बदलना होगा।

ब्लिंकन का बयान भी तूल पकड़ रहा है और
अमेरिकी बयान से भी परमाणु परीक्षण से जुड़ी अटकलों को बल मिल रहा है। जुलाई में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने कहा कि ईरान को परमाणु बम के लिए विखंडनीय सामग्री का उत्पादन करने की क्षमता हासिल करने में एक या दो सप्ताह लग सकते हैं।

90 फीसदी संवर्धित यूरेनियम से बनते हैं परमाणु बम
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने 60 फीसदी तक यूरेनियम संवर्धित कर लिया है और इसके भंडार में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. एक परमाणु बम के लिए 90 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम की आवश्यकता होती है। एजेंसी का मानना ​​है कि ईरान परमाणु बम विकसित करने के बेहद करीब है.

इजराइल की प्रतिक्रिया का इंतजार
27 सितंबर को इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत के दहिया में हवाई हमले में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी कमांडर अब्बास निलफोरोशन को मार डाला। इसके बाद ईरान ने 1 अक्टूबर को इज़राइल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। अब इजराइल ने ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने की बात कही है. माना जा रहा है कि इजराइल किसी भी वक्त ईरान पर हमला कर सकता है. हालांकि, ईरान ने यह भी साफ कर दिया कि अगर इजराइल हमला करेगा तो वह जवाब जरूर देगा.