जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में एक रहस्यमयी बीमारी ने अब तक 17 लोगों की जान ले ली है। इन मौतों के पीछे के कारणों की जांच जारी है। प्रशासन ने संदिग्ध झरने (बावड़ी) के पानी में कीटनाशक पाए जाने की पुष्टि की है और इसे पूरी तरह सील कर दिया गया है। इस घटना ने गांव और प्रशासन दोनों को स्तब्ध कर दिया है।
संदिग्ध बावड़ी सील, ग्रामीणों को पानी उपयोग से मना
कीटनाशक की मौजूदगी की पुष्टि
अतिरिक्त उपायुक्त (कोटरांका उपखंड) दिल मीर ने झरने के पानी में कीटनाशकों की मौजूदगी के बाद प्रभावित क्षेत्र को सील कर दिया।
- आदेश में निर्देश: गांव की आदिवासी आबादी को बावड़ी के पानी का उपयोग करने से सख्ती से रोका गया है।
- सुरक्षा तैनाती: पानी के स्रोत के आसपास 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
तहसीलदार को विशेष जिम्मेदारी
तहसीलदार खवास को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि कोई भी ग्रामीण किसी भी स्थिति में इस पानी का उपयोग न करे।
मौतों की बढ़ती संख्या
एक और मौत, कुल आंकड़ा 17 पर पहुंचा
रहस्यमयी बीमारी से मरने वालों की संख्या 17 हो गई है।
- रविवार को मोहम्मद असलम की बेटी यासमीन कौसर की मौत हो गई, जो एसएमजीएस अस्पताल में भर्ती थी।
- कौसर के पांच भाई-बहनों और दादा-दादी की भी पिछले सप्ताह इसी बीमारी से मृत्यु हो चुकी है।
पहले हुई मौतें
7 से 12 दिसंबर के बीच गांव में दो अन्य परिवारों के नौ सदस्यों की मौत हो चुकी है।
केंद्र ने अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की
गृह मंत्री का आदेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांव में एक-दूसरे से जुड़े परिवारों में हुई मौतों की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है।
टीम का कार्यक्षेत्र
- टीम ने राजौरी जिला मुख्यालय पहुंचकर जांच शुरू की।
- सोमवार को टीम के बधाल गांव का दौरा करने की संभावना है।
स्वास्थ्य विभाग का बयान
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभाग मौतों की वजह का पता लगाने में जुटे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है।
लक्षण: बीमारी के शुरुआती संकेत
बीमारी के लक्षणों ने डॉक्टरों और विशेषज्ञों को परेशान कर दिया है।
मुख्य लक्षण
- बुखार
- तेज दर्द
- मतली
- चेतना में कमी
अस्पताल में स्थिति
मरीजों ने अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों के भीतर ही दम तोड़ दिया।
प्रभावित क्षेत्र में अलर्ट
ग्रामीणों में डर का माहौल
- लगातार हो रही मौतों ने गांव के लोगों को भयभीत कर दिया है।
- प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में अलर्ट जारी कर लोगों को साफ पानी और स्वच्छता पर ध्यान देने की सलाह दी है।
सुरक्षा उपाय
- झरने के पानी के उपयोग पर सख्त पाबंदी।
- पानी के अन्य स्रोतों की जांच।